भगवंत मान ने साधा निशाना : बादलों ने चौटालों से लूटने की शिक्षा लेकर पंजाब को भी लूटा

विधान सभा हलका मौड़ के गांव माईसरखाना में रविवार को आम आदमी पार्टी पंजाब द्वारा ‘पंजाब जोड़ रैली’ के तहत राज्य वाइस प्रधान सुखवीर सिंह माईसरखाना की अगुवाई में रैली की गई। इसमें सांसद सदस्य भगवंत मान विशेष तौर पर पहुंचे। इस मौके सांसद भगवंत मान व विरोधी पक्ष के नेता हरपाल सिंह चीमा ने रैली को संबोधित करते कहा कि बहिबल कलां कांड संबंधी जस्टिस रणजीत सिंह कमीशन की रिपोर्ट साजिश के तहत लीक हुई है। ताकि इसमें शामिल बादल समय पर गवाह को मुकरा सकें। क्योंकि वह गवाह को मुकराने में माहिर है। 

इस मौके पर मान ने कहा कि बादलों और कैप्टन की मिलभुगत सबके सामने आ चुकी है। अगर अब हम गुरु साहिब की बेअदबी करने वालो को सजा दिलवानी चाहते है तो हमे संघर्ष करने के लिए तैयार होना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि गुरू साहिब की बेअदबी करने वाले इस भ्रष्ट तंत्र में तभी बरी हो सकते है, लेकिन उस परमात्मा की हजूरी में इनको सजा जरूर मिलेगी।  

उन्होंने बादल परिवार के खिलाफ बोलते हुए कहा कि बादलों ने लूट का काम चौटालों से शिक्षा लेकर पूरे पंजाब को लूटा। उन्होंने कहा कि इतिहास गवाह है कि मजीठिया परिवार ने हमेशा लोटू लोगों का साथ दिया है। इसी कारण पंजाब के लोगों ने  शिरोमणि अकाली दल को तीसरे नंबर पर लाकर सबक सिखा दिया। उन्होंने का कि अब चुनाव आ रहे है और गुरु साहिब की बेअदबी करने वालों को सजा देने का आपके पास बड़ा मौका है। चुनाव दौरान इनको इसकी सजा देने का काम आपने करना है। 

इस मौके जब पत्रकारों ने रैली में चीमा और मान से हलका विधायक के शामिल न होने के संबंध की तो उन्होंने कहा कि आने वाले समय में सब कुछ ठीक हो जाएगा। जब उनसे पूछा गया कि आप बठिंडा से चुनाव लड़ेंगे तो उन्होंने जवाब दिया कि नहीं वह संगरूर से चुनाव लड़ेगे। इस मौके उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी जिला परिषद व पंचायती चुनाव पार्टी चुनाव निशान पर लड़ेगी। इस संबंधी जिला प्रधान को उम्मीदवारों के चुनाव करने के लिए कह दिया।  

भगवंत मान ने कहा कि अकाली दल 1920 में बना है और अब इसकी 99 वर्ष लीज पूरी हो चुकी है। इस मौके उन्होंने दिल्ली की केजरीवाल सरकार की तारीफ की और कहा कि पंजाब में अध्यापक नौकरियों के लिए रूल रहे हैं, जबकि दिल्ली के सरकारी स्कूल प्राइवेट को प्रस्ताव डाल रहे हैं। इस मौके विधायक रूबी ने कहा कि बहिबल कलां कांड की तरह 1984 के दंगों पर भी लाइव बहस होनी चाहिए और आरोपी व्यक्तियों को जल्द सजा दी जाए।

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