बेगूसराय मॉब लिंचिंग: 5000 लोगों की मौजूदगी में हुई थी पीट-पीटकर हत्या

बेगूसराय के नारायण पीपर गांव में शुक्रवार को मॉब लिंचिंग की घटना में जिन तीन अपराधियों को पीट-पीटकर मार डाला गया था इसकी तफ्तीश करने के लिए शनिवार को पुलिस अधीक्षक आदित्य कुमार नवसृजित प्राथमिक विद्यालय पर पहुंचे.

मौका-ए-वारदात पर जांच करने के बाद ‘आजतक’ से बातचीत करते हुए आदित्य कुमार ने इस बात का खुलासा किया कि जिस वक्त भीड़ के द्वारा इन तीनों अपराधियों की पीटकर हत्या की गई, उस वक्त वहां 5000 से ज्यादा लोग मौजूद थे.

जिन तीन अपराधियों की भीड़ ने पीट-पीटकर हत्या की गई उनमें मुकेश महतो नाम का कुख्यात अपराधी भी था. बेगूसराय SP ने बताया कि मुकेश महतो के खिलाफ जिले में तकरीबन डेढ़ दर्जन से भी ज्यादा मामले दर्ज है. मॉब लिंचिंग की घटना में सबसे पहले भीड़ ने मुकेश महतो को बांस और लाठियों से पीटकर स्कूल के गेट पर मार डाला. स्कूल के गेट के बाहर खून के धब्बे साफ दिखाई दे रहे हैं.

जब भीड़ मुकेश महतो को पीट रही थी उस दौरान कुछ लोगों ने अन्य दो अपराधी हीरा सिंह और श्याम सिंह को स्कूल के कमरे में बंद कर दिया था. मुकेश को अधमरा करने के बाद भीड़ ने स्कूल के कमरे से हीरा सिंह और श्याम सिंह को खींचकर निकाला और फिर स्कूल परिसर में ही मौजूद दुर्गा मंदिर के सामने इन दोनों की भी पीट कर हत्या कर दी. जिस जगह पर यह घटना घटी वहां पर कई सारी लाठियां, बांस के बल्ले, लोहे के रॉड और ईंट पत्थर अब तक मौजूद हैं.

ड्यूटी में लापरवाही बरतने पर थाना प्रभारी सस्पेंड

पुलिस अधीक्षक आदित्य कुमार ने यह भी माना कि जिस वक्त मॉब लिंचिंग की घटना घट रही थी उस वक्त स्थानीय छौराही थाना के प्रभारी और 4 सिपाही मौके पर मौजूद थे मगर इतनी बड़ी संख्या में भीड़ के सामने वह बेबस होकर तमाशा देखते रहे. ड्यूटी में लापरवाही बरतने के आरोप में पुलिस अधीक्षक ने थाना प्रभारी सिंटू झा को निलंबित कर दिया है.

आदित्य कुमार ने बताया कि प्रथम दृष्टया इस बात के प्रमाण मिल रहे हैं कि अपराधी स्कूल में घुसकर एक छात्रा को अगवा करने की कोशिश कर रहे थे जिसका स्कूल की प्रिंसिपल नीमा कुमारी ने विरोध किया.

‘आजतक’ से बातचीत करते हुए नीमा कुमारी ने बताया कि उनके विरोध करने के बाद अपराधियों ने उन पर पिस्तौल तान दिया जिसके बाद वह बेहोश हो गई और जब उसको होश आया तो उसने स्कूल के परिसर में तीनों अपराधियों को अधमरा पाया.

पुलिस फिलहाल उपलब्ध वीडियो फुटेज के आधार पर मॉब लिंचिंग की घटना में शामिल लोगों की पहचान करने में जुटी है. इस मामले में पुलिस अधीक्षक ने प्राथमिकी दर्ज करने का भी आदेश दे दिया है.

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