खुलेआम शहर में घूम रहा कश्मीर से आया संदिग्ध मेहमान बनकर
उनके साथ घूमकर शहर का जायजा लेने के साथ नेटवर्क फैलाया। मेहमान पर संदेह होने पर पशु प्रेमी ने उसे विदा करने की तैयारी की। इस बीच कई दोस्त बना चुके संदिग्ध कश्मीरी ने उनसे नाता तोड़ लिया और कुछ दिनों के अंतराल पर ठिकाने बदलकर रहने लगा। पशु प्रेमी की शिकायत पर पुलिस व खुफिया तंत्र ने छानबीन शुरू की है।
आरडीएसओ में कार्यरत व एनिमल वेलफेयर बोर्ड ऑफ इंडिया के अवैतनिक अधिकारी प्रदीप कुमार पात्र ने बताया कि पशुओं के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए सोशल मीडिया पर पोस्ट अपलोड करने के दौरान सितंबर 2017 में कश्मीर के एक व्यक्ति से संपर्क हुआ।
उसने खुद को 75सौ किमी. की शांति पदयात्रा करने वाला एवं पशुप्रेमी बताया था। इसके बाद दोनों में सोशल मीडिया पर दोस्ती हुई और प्रदीप अपने दोस्त की पोस्ट पर टिप्पणी लिखने लगे।
दोस्त ने उनसे छत्तीसगढ़ की एक युवती के खाते में 25 सौ और गोवा के एक व्यक्ति के खाते में 35 सौ रुपये ट्रांसफर कराए। उधारी की रकम जल्द चुकता कहने की बात की और 3 दिसंबर 2017 को मेहमानी करने लखनऊ आ गया।
प्रदीप ने मेहमान को इंदिरानगर में अपने दोस्त के घर ठहराया और उसे शहर घुमाने लगे। मेहमान ने नेटवर्क न होने की बात कहकर प्रदीप का सिमकार्ड हथियाया। शहर में अपना नेटवर्क बनाने में जुट गया। संस्था से जुड़े लोगों से पहचान बनाई।
खास तौर से कैंट इलाके के लोगों से नजदीकी बनाने लगा। हफ्ता भर बाद प्रदीप कुमार को कश्मीर से आए सोशल मीडिया फ्रेंड पर संदेह हुआ, लेकिन खुद हादसे का शिकार हो गए।
स्वस्थ होने पर उन्होंने मेहमान को विदा करने की कोशिश की लेकिन उसने जाने से इन्कार कर दिया। सिमकार्ड लौटने के लिए दबाव बनाया। पता चला कि बगैर आईडी के आए मेहमान ने कई लोगों से सिमकार्ड ले रखे हैं।
प्रदीप ने मानकनगर थाने में शिकायत की। कोई नतीजा न निकलने पर क्राइम ब्रांच के अधिकारियों को मामले की जानकारी दी। इसके साथ पुलिस के आला अफसरों व खुफिया तंत्र के अधिकारियों को पत्र भेजा।