सावधान: कहीं आप भी तो नहीं इस खतरनाक बीमारी की चपेट में, ऐसे पहचाने

स्ट्रोक के बढ़ते मामलों का मुख्य कारण हाई ब्लड प्रेशर, डायबिटीज, कोलेस्ट्रॉस, नशा करना, सिरगेट पीने के अलावा मोटापा, जंक फूड का सेवन और तनाव है। युवा रोगियों में यह अधिक घातक साबित होता है, क्योंकि यह उन्हें जीवन भर के लिए विकलांग बना सकता है।मोटापा, जंक फूड का सेवन और तनाव के कारण युवाओं में भी ब्रेन स्ट्रोक के मामले में वृद्धि हो रही है। इसका इलाज नहीं कराने पर दिमागी कोशिकाओं और आवाज को नुकसान हो सकता है। मरीज जीवन भर के लिए विकलांग भी बन सकता है। सावधान: कहीं आप भी तो नहीं इस खतरनाक बीमारी की चपेट में, ऐसे पहचानेदेश में हर साल ब्रेन स्ट्रोक के लगभग 15 लाख नए मामले दर्ज किए जाते हैं। स्ट्रोक भारत में समय से पहले मृत्यु और विकलांगता का एक महत्वपूर्ण कारण बनता जा रहा है। दुनिया भर में हर साल स्ट्रोक से 2 करोड़ लोग पीड़ित होते हैं, जिनमें से 50 लाख लोगों की मौत हो जाती है और अन्य 50 लाख लोग अपाहिज हो जाते हैं।”

55 वर्ष की आयु के बाद 5 में से एक महिला को और 6 में से एक पुरुष को स्ट्रोक का खतरा रहता है। हमारे देश में हर तीन सेकेंड में किसी न किसी व्यक्ति को ब्रेन स्ट्रोक होता है और हर तीन मिनट में ब्रेन स्ट्रोक के कारण किसी न किसी व्यक्ति की मौत होती है। ब्रेन अटैक के नाम से भी जाना जाने वाला ब्रेन स्ट्रोक भारत में कैंसर के बाद मौत का दूसरा प्रमुख कारण है। मस्तिष्क के किसी हिस्से में रक्त की आपूर्ति बाधित होने या गंभीर रूप से कम होने के कारण स्ट्रोक होता है। मस्तिष्क के ऊतकों में ऑक्सीजन और पोषक तत्वों की कमी होने पर कुछ ही मिनटों में मस्तिष्क की कोशिकाएं मृत होने लगती हैं जिसके कारण मृत्यु या स्थायी विकलांगता हो सकती है।”

उन्होंने कहा, “स्ट्रोक का इलाज किया जा सकता है। स्ट्रोक के बारे में सबसे महत्वपूर्ण बात समय का सदुपयोग है। एक स्ट्रोक के बाद हर दूसरे स्ट्रोक में अत्यधिक मस्तिष्क कोशिकाओं की मृत्यु हो जाती है। इसलिए स्ट्रोक होने पर रोगियों को निकटतम स्ट्रोक उपचार केंद्र में जल्द से जल्द ले जाया जाना चाहिए।” 

ब्रेन स्ट्रोक के लक्षण- 

बोलने और समझने में परेशानी होना, आप भ्रम का अनुभव कर सकते हैं, आपके बोलने की गति धीमी हो सकती है या समझने में कठिनाई महसूस कर सकते हैं। चेहरे,बांह या पैर में सुन्नता और विशेष रूप से आपके शरीर का एक तरफी अंग अचानक सुन्न हो जाए, कमजोरी महसूस कर सकते हैं। एक ही समय में अपने सिर पर अपने दोनों हाथों को उठाने की कोशिश करें यदि एक हाथ गिरता है तो यह स्ट्रोक हो सकता है व मुस्कराने में यदि एक तरफ आपके होठ न उठें या झूल जाएं तो यह स्ट्रोक की निशानी हो सकती है।

एक या दोनों आंखों में देखने में परेशानी हो या धुंधला दिखे या सबकुछ दो-दो नज़र आए और अंधेरा छा जाए तो यह स्ट्रोक की निशानी हो सकती है।   अचानक गंभीर सिरदर्द होना, जो उल्टी, चक्कर या बदलती चेतना के रूप में बढ़ जाए। चलने में परेशानी होना, अचानक चक्कर आना, संतुलन व समन्वय की हानि का अनुभव कर सकते हैं। 

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