BBMB में काम करने वाले हिमाचल के कर्मचारियों का वेतन दे रहा पंजाब…

भाखड़ा ब्यास मैनेजमेंट बोर्ड (BBMB) में काम करने वाले हिमाचल के कर्मचारियों का वेतन पंजाब दे रहा है। सुनने में अजीब लगता है, लेकिन यह सच है और BBMB में होने वाली बैठकों में यह आपत्ति उठाई भी जा चुकी है। BBMB तीन राज्यों को मिलाकर बनाया गया है। BBMB अथॉरिटी के जवाब में खुद पंजाब सरकार ही फंस जाती है।

गौरतलब है कि BBMB में हिस्सेदारी के हिसाब से कर्मचारियों की गिनती तय की गई है। उस हिसाब से ही यहां पैदा होने वाली बिजली राज्यों में विभाजित होती है। इससे जितनी भी राशि एकत्रित होती है, हिस्सेदारी के अनुपात में राज्यों से ले ली जाती है, लेकिन पिछले समय में पंजाब, हरियाणा राज्यों से आने वाले कर्मचारियों की गिनती में लगातार गिरावट आ रही है। इसके चलते बोर्ड कॉन्ट्रैक्ट पर हिमाचल प्रदेश से कर्मचारियों को रख रहा है।

हालांकि, पंजाब और हरियाणा इस बात पर आपत्ति जता चुके हैं, लेकिन अपने अपने हिस्से के कर्मचारी नहीं भेज रहे हैं। लिहाजा, पंजाब के हिस्से की आमदनी से हिमाचल के कर्मचारियों को वेतन दिया जा रहा है। वित्तमंत्री मनप्रीत बादल ने माना कि ऐसा हो रहा है, इसलिए राज्य सरकार ने 700 कर्मचारियों को नए सिरे से भर्ती करने की मंजूरी दे दी है। यह कैडर पूरी तरह से BBMB को ही समर्पित होगा।

सिंचाई विभाग के कर्मचारियों की 276 पोस्टें खाली

सिंचाई विभाग की सुपरिंटेंडेंट इंजीनियर से लेकर सफाई कर्मियों की 960 में से 276 पोस्टें खाली हैं। सबसे ज्यादा जेई के पद हैं। पंजाब का कोटा 129 पोस्टों का है, लेकिन अब यहां सिर्फ नौ पोस्टों पर ही पंजाब के कर्मचारी रह गए हैं 120 खाली हैं। लगभग यही हाल पावर विंग का भी है।

रोटेशन में लगे चेयरमैन और मेंबर: राजेवाल

भारतीय किसान यूनियन के प्रधान बलबीर सिंह राजेवाल ने भी इस बात पर आपत्ति जताई है कि बोर्ड में पंजाब की हिस्सेदारी को जानबूझकर कम किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि पंजाब में बेरोजगारों की लाइन लगी हुई है, लेकिन BBMB में पंजाब के कर्मचारियों को भेजा नहीं जा रहा है। राजेवाल ने एक और महत्वपूर्ण सवाल उठाते हुए कहा कि जब से BBMB बना है, तभी से चेयरमैन और मेंबर्स के पद फिक्स किए गए हैं। यह तीन-तीन साल की रोटेशन में होने चाहिए। गौरतलब है कि BBMB में चेयरमैन का पद भारत सरकार के पास है, जबकि मेंबर सिंचाई का हरियाणा के पास और जिस राज्य की हिस्सेदारी सबसे ज्यादा है उसे मेंबर पावर का पद दिया गया है।

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