बजंरग दल की ‘दबंगई’, संभाजी बिग्रेड के सदस्य को जमकर पीटा

संभाजी ब्रिगेड पर बजरंग दल के कार्यकर्ताओं के हमले का मामला सामने आया है। पुलिस के मुताबिक पुणे के मंचर तालिका में बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने संभाजी ब्रिगेड के सदस्यों से जमकर मारपीट की। विवाद का कारण मृत वामपंथी नेता गोविंद पनसारे द्वारा छत्रपति शिवाजी पर लिखी गई किताब के वितरण को बताया जा रहा है। 38 वर्ष के शरद पोखरकर पर कथित रूप से हमला करने के लिए बजरंग दल के चार सदस्यों को आइपीसी के संबंधित धाराओं के तहत गिरफ्तार किया गया है।

बजंरग दल की 'दबंगई', संभाजी बिग्रेड के सदस्य को जमकर पीटा

संभाजी ब्रिगेड के सदस्य पोखरकर, मराठा महासंघ और जिजाऊ प्रतिष्ठान हर साल मंचर में ‘शिवाजी कौन होता’ (Who was shivaji) नाम की किताब को बांटते हैं। इस साल भी इन लोगों ने मंचर के एक गांव के स्कूल में किताब वितरण के कार्यक्रम का आयोजन किया, लेकिन कुछ गांववालों और बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने इस कार्यक्रम का विरोध किया। साथ ही किताब के नाम पर भी आपत्ति दर्ज कराई। मंचर पुलिस ने बताया कि इन लोगों ने स्कूल के हेडमास्टर पर कार्यक्रम को रद करने का दबाव बनाया। उन्होंने कहा कि कार्यक्रम के रद होने के बाद पोखरकर के द्वारा कथित तौर पर संदेशों का आदान-प्रदान करने के बाद स्थिति तनावग्रस्त हो गई।

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रविवार शाम को पोखरकर को बजरंग दल के सदस्यों ने फोन किया और किताब पर दर्ज शिकायत पर चर्चा की, लेकिन कुछ बजरंग दल के सदस्य मंचर में पोखरकर के घर पहुंच गए और किताब को लेकर उनसे बहस करने लगे। इसी बीच बहस ने अचानक हिंसक रूप ले लिया, जिसके बाद बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने पोखरकर और उनके दोस्त से मारपीट शुरू कर दी। बताया गया कि पुलिस के घटनास्थल पर पहुंचने से पहले ही बजरंग दल के कार्यकर्ता वहां से भाग निकले।

कब हुई गोविंद पनसारे की हत्या? 

बता दें कि 82 साल के वामपंथी नेता गोविंद पनसारे की 16 फरवरी, 2015 को कोल्हापुर में गोली मार कर दी गई थी, जिसके बाद 20 फरवरी को मुंबई के एक अस्पताल में उन्होंने दम तोड़ दिया। पनसारे की हत्या में कुछ दक्षिणपंथी लोगों का हाथ होने का शक जताया जा रहा है। फिलहाल इस मामले की महाराष्ट्र सीडीआइ द्वारा जांच की जा रही है।

 
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