
टोक्यो पैरालंपिक में बैडमिंटन प्लेयर प्रमोद भगत ने फाइनल में पहुंचकर इतिहास रच दिया है। बैडमिंटन मेन्स सिंगल्स के SL3 क्लास सेमीफाइनल में प्रमोद भगत ने जापान को फुजिहारा को 2-0 से पराजित किया। प्रमोद भगत ने सेमीफाइनल मुकाबला 21-11, 21-16 से जीता। अब तक कोई भी बैडमिंटन इंडियन प्लेयर खिलाड़ी ओलंपिक या पैरालंपिक खेलों में बैंडमिटन में स्वर्ण पदक जीतने का कारनामा नहीं कर सका है। प्रमोद के पास भारत की ओर से बैडमिंटन में प्रथम स्वर्ण जीतने का अवसर है।

वही फाइनल में पहुंचते ही प्रमोद भगत ने भारत का एक और मेडल पक्का कर दिया है। वही बैडमिंटन में लंदन ओलंपिक 2012 में साइना नेहवाल ने कांस्य, रियो 2016 में पीवी सिंधु ने सिल्वर तथा टोक्यो 2020 में सिंधु ने ब्रॉन्ज मेडल जीता था। फाइनल में पहुंचते ही प्रमोद ओलंपिक या पैरालंपिक खेलों में बैडमिंटन में पदक जीतने वाले पहले पुरुष खिलाड़ी बन गए हैं।
मुकाबले के पश्चात् भगत ने कहा, “यह बेहतरीन मैच था। उसने मुझे कुछ अच्छे शॉट्स लगाने के लिये प्रेरित किया। मुझे फाइनल में पहुंचने की खुशी है मगर काम अभी पूरा नहीं हुआ है।” पांच साल की आयु में पोलियो की वजह से उनका बायां पैर विकृत हो गया था। उन्होंने वर्ल्ड चैम्पियनशिप में चार गोल्ड सहित 45 इंटरनेशनल मेडल जीते हैं। बीडब्ल्यूएफ वर्ल्ड चैम्पियनशिप में बीते आठ वर्ष में उन्होंने दो स्वर्ण और एक रजत जीते। 2018 पैरा एशियाई खेलों में उन्होंने एक रजत और एक ब्रॉन्ज जीता।