केंद्रीय बजट के बाद बादल ने दिया बड़ा बयान, वादे पूरे न करने वाली सरकार को करें बर्खास्त
चंडीगढ़। पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल ने केंद्रीय बजट जारी होने के बाद बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा है कि बजट में जो लिखित प्रावधान हैं, उन्हें पूरा करने के लिए एक कानून बनाया जाए। कानून में यह प्रावधान होना चाहिए कि जो सरकार बजट में लिखित प्रावधानों को पूरा नहीं करती, उसे बर्खास्त कर दिया जाए। प्रकाश सिंह बादल का यह बयान बेहद महत्वपूर्ण माना जा रहा है। बादल की पार्टी शिरोमणि अकाली दल केंद्र की भाजपा नीत गठबंधन सरकार के हिस्सेदार है।
वित्तमंत्री अरुण जेटली ने बजट में किसानों को उनकी लागत पर 50 फीसद लाभ देने की बात की थी। 2014 में लोकसभा चुनाव से पहले नरेंद्र मोदी समेत तमाम भाजपा नेता डॉ. एमएस स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट को लागू करने के दावे करते रहे हैं। खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रेवाड़ी में हुई रैली में इसका जोरदार समर्थन किया और दावा किया कि सत्ता में आते ही इस रिपोर्ट को लागू किया जाएगा।
पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल इस रिपोर्ट के पक्ष में हैं और हर प्लेटफॉर्म पर इसे लागू करने की बात करते हैं, लेकिन सत्ता में आते ही उनकी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में एक एफिडेविट देकर कह दिया कि आयोग की यह रिपोर्ट लागू नहीं की जा सकती। सुप्रीम कोर्ट में दिए गए इस एफिडेविट से शिरोमणि अकाली दल की काफी किरकिरी हुई।
अब जेटली ने किसानों की एमएसपी पर 50 फीसद लाभ देने की है। इसे प्रकाश सिंह बादल हर हालत में लागू करवाना चाहते हैं। वह जानते हैं कि पार्टी का किसान वोट बैंक उनसे खिसक गया है और इस बाद उन्हें अपने इस वोट बैंक पद दोबारा कब्जा करने की उम्मीद है।
इस तरह का बयान जारी करके उन्होंने एक तीर से दो निशाने साधे हैं। पहला, अपने वोट बैंक को वापस लाना और दूसरा भाजपा पर नजरें तरेरना। गौरतलब है कि कुछ दिन पहले बादल ने मेनिफेस्टो को पूरी तरह लागू करवाने के लिए भी कानून बनाने की बात कही थी।
सरकारों को जवाबदेह बनाया जाए
प्रकाश सिंह बादल ने कहा कि यह राजनीतिक पार्टियों के मेनिफेस्टो और बजट सुनने में बहुत प्रभावशाली होते हैं, लेकिन इन्हें पूरा नहीं किया जाता। उन्होंने कहा कि इस तरह कानून लाकर राज्य और केंद्र सरकारों को जवाबदेह बनाया जा सकता है।
पूर्व मुख्यमंत्री ने कैप्टन सरकार की कर्ज माफी पर भी अपनी टिप्पणी की। उन्होंने कहा कि उन्होंने अब किसानों से हलफनामे लेने शुरू कर दिए हैं, जबकि और किसी सरकार ने ऐसा नहीं किया। सरकार सिर्फ कर्ज माफी से भागने के लिए इस तरह के अटपटे रास्ते खोज रही है। सरकारी कर्मचारियों को वेतन न देने के सवाल पर प्रकाश सिंह बादल ने कहा कि उनकी सरकार में कभी भी कर्मचारियों को न तो वेतन के लिए इंतजार करना पड़ा और न ही विकास कार्यों में हमने कमी आने दी थी।