गुर्जर आंदोलन: राजस्थान में फिर आई आहट, ओबीसी में से ही 5 प्रतिशत आरक्षण की मांग
जयपुर।राजस्थान में एक बार फिर गुर्जर आरक्षण आंदोलन की आहट शुरू हो गई । ओबीसी कोटे का वर्गीकरण करते हुए इसमें से ही गुर्जर,रायका,रैबारी,बंजरा और गाड़िया लुहार आदि जातियों को 5 फीसदी आरक्षण की मांग को लेकर गुर्जर समाज की महापंचायत मंगलवार को भरतपुर जिले के अड्डा गांव में होगी। इस महापंचायत में आगे के आंदोलन की घोषणा की जाएगी ।
इधर सरकार के निमंत्रण पर गुर्जर समाज का 15 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल वार्ता के लिए जयपुर पहुंचा । शासन सचिवालय में संसदीय कार्यमंत्री राजेन्द्र राठौड़,सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री अरूण चतुर्वेदी,सामान्य प्रशासन मंत्री हेमसिंह भड़ाना सहित आधा दर्जन अधिकारियों के साथ गुर्जर नेताओं की वार्ता हुई ।
गुर्जर आरक्षण संघर्ष समिति के संयोजक कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला इस वार्ता में शामिल नहीं हुए । गुर्जर नेताओं ने बताया कि मंगलवार को होने वाली महापंचायत की तैयारियों के चलते बैंसला वार्ता में शामिल नहीं हुए । सरकार के साथ सोमवार को करीब चार घंटे तक चली वार्ता के दौरान सरकार की तरफ से गुर्जर समाज की मांगों पर एक उच्च स्तरीय कमेटी बनाने की बात कही गई ।
आखिरकार यह निर्णय लिया गया कि मंगलवार को होने वाली महापंचायत के बाद बुध्वार को एक बार फिर सरकार और गुर्जर समाज के बीच वार्ता होगी । गुर्जर महापंचायत और इसके बाद होने वाले आंदोलन को देखते हुए सरकार ने भरतपुर,दौसा और करौली जिलों में सुरक्षा बढ़ा दी है ।
भरतपुर जिले के 150 गांवों और कस्बों में इंटरनेट सेवा बंद कर दी गई है। इसी तरत से दौसा और करौली जिलों में 100 से अधिक गांवों और कस्बों में इंटरनेट पर आगामी आदेश तक रोक लगा दी गई है । सुरक्षा प्रबंध कड़े कर दिए गए हैं । इसके तहत रेलवे सुरक्षा बल की तीन और पुलिस फोर्स की 5 कंपनिंया तैनात की गई है । उल्लेखनीय है कि पिछले गुर्जर आंदोलनों के दौरान दिल्ली-मुम्बई रेलवे ट्रैक को निशाना बनाया गया था । रेलवे को करोड़ो रूपए की संपतियों का नुकसान होने के साथ ही कई दिनों तक रेलवे यातायात बाधित रहा था । एक दशक से भी अधिक समय से विभिन्न चरणों में हुए गुर्जर आरक्षण आंदोलन में अब तक 81 लोग मारे जा चुके हैं,इनमें पुलिसकर्मी भी शामिल है ।
आंदोलन के दौरान गुर्जर समाज के उग्र लोगों ने सरकारी सम्पतियों को भी काफी नुकसान पहुंचाया था ।चुनाव से पूर्व गुर्जर सहित अन्य चार जातियों को खुश करने के लिए वसुंधरा राजे सरकार ने पिछले साल दिसम्बर में ही मोस्ट बैकवर्ड क्लास (एमबीसी) में अलग से 1 प्रतिशत आरक्षण दिया था । शेष चार प्रतिशत आरक्षण का लाभ पहले की तरह ओबीसी कोटे में से जारी रखने की भी बात कही थी । लेकिन गुर्जर समाज इससे खुश नहीं है । गुर्जर समाज ओबीसी का वर्गीकरण करके ही 5 प्रतिशत आरक्षण की मांग कर रहा है । लेकिन सरकार यदि यह मांग मानती है तो ओबीसी कोटे में शामिल अन्य जाियां नाराज होने का ड़र है ।
इस कारण सरकार इस मांग को मानने को तैयार नहीं है । इसी वजह से गुर्जर समाज ने आंदोलन की घोषणा की है ।उल्लेखनीय है कि एक साल पहले वसुंधरा सरकार ने गुर्जर,रायका,रैबारी,गाडिया लुहार और बंजारा जातियों को 5 प्रतिशत आरक्षण देने का विधेयक विधानसभा में पारित कराया था । इसके बाद आरक्षण की कुल सीमा 54 प्रतिशत हो गई थी । आरक्षण देने के कुछ दिन बाद ही मामला हाईकोर्ट में पहुंच गया ।
हाईकोर्ट ने यह कहते हुए रोक लगा दी कि सुप्रीम कोर्ट की गाइड लाइन के अनुसार 50 प्रतिशत से अधिक आरक्षण नहीं दिया जा सकता है । इसके बाद गुर्जर समाज ने फिर आरक्षण की तैयारी की तो सरकार ने पांच जातियों को एमबीसी में 1 प्रतिशत आरक्षण अलग से दे दिया । लेकिन गुर्जर समाज इससे खुश नहीं है। गुर्जर समाज ओबीसी का वर्गीकरण करते हुए 5 प्रतिशत आरक्षण की मांग की है ।
राजस्थान में आरक्षण की वर्तमान स्थिति
1. ओबीसी को 21 प्रतिशत
2. एससी को 16 प्रतिशत
3. एसटी को 12 प्रतिशत
4. एमबीसी की नई श्रेणी में 1 प्रतिशत