अशोक गहलोत ने कहा- राजनीतिक गठबंधन कांग्रेस की मजबूरी…

कांग्रेस महासचिव अशोक गहलोत ने साफ किया कि बिहार में राजद से कांग्रेस का गठबंधन है और हमेशा रहेगा। बृहस्पतिवार को पटना पहुंचे गहलोत ने कांग्रेस के कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों से कहा, सबको पता है कि गठबंधन क्यों होता है।
किसी जमाने में कांग्रेस ताकतवर पार्टी थी। आज कांग्रेस कमजोर है। इसलिए ऐसी स्थिति है। गहलोत ने कहा कि आज कांग्रेस को मजबूरी में राजद या जदयू से बात करनी पड़ रही है। पार्टी के कार्यकर्ता और पदाधिकारी जनता के बीच जाकर पार्टी को मजबूत बनाएं। सभी को मिलकर कांग्रेस को अकेले सरकार में लाने की कोशिश करनी चाहिए। 

बैठक में ही सामने आया असंतोष
कांग्रेस महासचिव ने कहा कि पार्टी में कई नेताओं की उम्र ज्यादा हो गई है। ऐसे में युवा चेहरे कांग्रेस को मजबूत बनाने का संकल्प लें। हालांकि, गहलोत की बैठक के दौरान ही पार्टी की आंतरिक गुटबाजी सामने आई। कई बार पार्टी के स्थानीय नेताओं से लेकर सांसद तक का असंतोष सामने आया।

एक दिन जदयू को होगा पछतावा
गहलोत ने बिहार के सीएम नीतीश कुमार पर निशाना साधा कि वह भाजपा के साथ सहज नहीं हैं। आज वह सांप्रदायिक ताकतों के साथ खड़े हैं। एक दिन जदयू को इसका पछतावा होगा।  

शाह के पटना दौरे पर कसा तंज
इससे पहले गहलोत ने राबड़ी के आवास पर लालू से मुलाकात की। गहलोत ने अमित शाह के पटना आगमन पर भी तंज कसा कि उनके स्वागत में खर्च होने वाले पैसे को लेकर ईमानदारी का चोला पहनने वाली भाजपा के नेताओं को इसका जवाब देना चाहिए। 

लालू का हाल जानने पहुंचे गहलोत, टटोली राजनीतिक नब्ज

भाजपा अध्यक्ष अमित शाह बृहस्पतिवार को जनता दल यूनाइटेड (जदयू) नेता व बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मिलकर 2019 लोकसभा चुनावों की तैयारियों का खाका खींचने पटना पहुंचे तो कांग्रेस ने भी वहां अपने संबंधों के पेंच कसने शुरू कर दिए। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के खास दूत के तौर पर महासचिव संगठन अशोक गहलोत बुधवार रात पटना पहुंच गए।
गहलोत वैसे तो औपचारिक तौर पर राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के बीमार अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव का हाल जानने गए थे, लेकिन उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री से मुलाकात के दौरान 40 सीटों वाले राज्य की राजनीतिक नब्ज भी टटोलने की कोशिश की। गहलोत की लालू के आवास पर अकेले में हुई लंबी बातचीत के दौरान सीटों के तालमेल और महागठबंधन के विस्तार पर चर्चा हुई।कांग्रेस सूत्रों की मानें तो बिहार में महागठबंधन के विस्तार का जिम्मा पूरी तरह आरजेडी पर छोड़ा गया है। आरजेडी बिहार में कुछ छोटे दलों और मजबूत निर्दलीय उम्मीदवारों को महागठबंधन के झंडे तले उतारना चाहती है, जो भाजपा नेतृत्व वाले एनडीए को सीधी टक्कर देने में समर्थ हैं। कांग्रेस और आरजेडी फिलहाल बिहार में भाजपा के राजनीतिक कदमों पर नजर बनाए हैं।

15 सीटों पर चुनाव लड़ेगी कांग्रेस
सूत्रों के मुताबिक, अगर महागठबंधन में कोई और क्षेत्रीय दल नहीं जुड़ता है तो कांग्रेस 12 से 15 सीटों पर चुनाव लड़ेगी। कांग्रेस की नजर उन सीटों पर है, जहां 2014 में उसका वोट प्रतिशत अच्छा रहा है। गहलोत ने लालू को साफ कर दिया है कि सीटों को लेकर पार्टी अड़ने की बजाय भाजपा को रोकना चाहती है।

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