1 महीने से बंद ATM को ठीक करने पहुंचे कर्मचारी को खोलते ही दिखा कुछ ऐसा की उड़ गए होश

हर रोज़ हमें अपने आसपास तरह-तरह की खबरें देखने और सुनने को मिलती हैं. इनमें से कुछ खबरें ऐसी होती है जिनको देखकर हमें उन पर जल्दी से यकीन नहीं हो पाता. वहीं कुछ खबरें ऐसी होती है जिन पर हमें जल्दी से यकीन हो जाता है. आज हम आपको असम के तिनसुकिया से आ रही एक ऐसी खबर के बारे में बताने जा रहे हैं जो बेहद हैरान कर देने वाली है. इस खबर के बारे में जिसने भी सुना उसको भी यकीन नहीं हुआ. तो चलिये आप भी जान लीजिये इस खबर के बारे में…

20 मई से बंद था ATM

बता दें कि 20 मई से असम के तिनसुकिया में बना हुआ ”स्टेट बैंक ऑफ इंडिया” का एक ATM खराब पड़ा हुआ था. खराब ATM की लोगों ने कई बार शिकायत भी की, लेकिन कुछ दिनों तक उनकी कोई सुनवाई नहीं हुई. जब कर्मचारी ATM ठीक करने पहुंचें तो उन्हें ATM मशीन में कुछ ऐसा दिखा जिसको देखकर उनके पैरों तले जमीन खिसक गई.

चूहों ने कुतर दिये थे ATM मशीन में मौजूद नोट

दरअसल जब ATM मशीन को ठीक करने कर्मचारी पहुंचे और उन्होंने ATM मशीन को खोला तो उन्हें दिखा कि मशीन के अंदर जितने भी नोट थे उन्हें चूहों ने कुतर दिया है. मशीन में मौजूद नोटों की कीमत 10-20 हज़ार नहीं बल्कि लाखों के आसपास थी. नोटों की ऐसी दशा देखकर वहाँ मौजूद कर्मचारियों ने अपना माथा पकड़ लिया. चूहों के नोट कुतरने से SBI को भारी नुकसान हुआ है.11 जून को उस समय

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सामने आया मामला जब ATM ठीक करने पहुंचे थे कर्मचारी

इस बारे में SBI के अधिकारी ने बताया कि तिनसुकिया के लैपुली में बना SBI का एक ATM 20 मई से किसी तकनीकी वजह से बंद हो गया था. जब इस ATM के खराब होने के बारे में हमें पता चला तो हमने ATM का रखरखाव कर रही कंपनी ” ग्लोबल बिजनेस साल्यूशंस” (जीबीएस) से शिकायत की और फिर कंपनी ने ATM को ठीक करने के लिए 11 जून को कर्मचारी को भेजा.

12 लाख 38000 के नोट कुतर गए चूहे

एसबीआई के अधिकारी ने ये भी बताया कि ATM में मौजूद 12 लाख 38000 नोट चूहों ने कुतर दिये और सिर्फ 17 लाख रुपये ही बच पाए हैं. जिस दिन ग्लोबल बिजनेस साल्यूशंस ने इस ATM में 29 लाख रुपए डाले थे उसके अगले ही दिन से ATM ने काम करना बंद कर दिया. ATM के खबर होने की शिकायत हमें मिलती रही.


बैंक ने दर्ज़ करवाई FIR

इस घटना की जांच करने के लिए बैंक ने FIR भी दर्ज़ करवाई है. वहीं कुछ लोगों का मानना है कि ये घटना एक सोची-समझी साजिश है. लोगों को शक इसलिए हो रहा है कि क्योंकि बैंक अधिकारी ATM को ठीक करने एक महीने बाद आए पहले क्यों नहीं?

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