जींद के जख्मी जूतों के अस्‍पताल के बड़े-बड़े हुए मुरीद, आनंद महिंद्रा ने कहा

शहर में पटियाला चौक पर 22 साल से जूतों की रिपेयरिंग कर रहे नरसी राम सोशल मीडिया पर छाए हुए हैं। नरसी जहां सड़क किनारे बैठकर जूते रिपेयर करते हैं, वहां उन्होंने बैनर टांग रखा है, जिस पर लिखा है कि जख्मी जूतों का अस्पताल। कुछ दिन पहले जब सोशल मीडिया पर नरसी की तस्वीर वायरल हुई तो महिंद्रा ग्रुप के चेयरमैन आनंद महिंद्रा ने ट्वीट किया था कि आइआइएम के स्टूडेंट्स को उनसे मार्केटिंग सीखनी चाहिए। अब आनंद महिंद्रा ने ट्वीट करके कहा है कि वह नरसी को नया ‘अस्पताल’ बनाकर देंगे।

जींद के जख्मी जूतों के अस्‍पताल के बड़े-बड़े हुए मुरीद, आनंद महिंद्रा ने कहा

जूते की रिपेयरिंग का काम करने वाले किसी भी कारीगर के पास कोई नाम या पहचान नहीं होती। इस कारण वह काम को बढ़ावा नहीं दे पाते। उनका काम भी मंदा था और परिवार का गुजारा मुश्किल से चल रहा था। इसीलिए उन्होंने काम को बढ़ावा देने के लिए कुछ अलग करने की ठानी। उनके दिमाग में जख्मी जूतों के अस्पताल के नाम से बैनर बनवाने का आइडिया आया, जिससे उसका काम भी चल निकला। 

उन्होंने जो बैनर लगाया है, उस पर लिखा है कि ‘जख्मी जूतों का अस्पताल’, नीचे लिखा है डॉ. नरसी राम। काम का समय यानी ओपीडी सुबह 9 बजे से दोपहर 1 बजे तक। लंच का समय दोपहर 1 से 2 बजे तक। शाम 2 से 6 बजे तक अस्पताल खुला रहेगा। हमारे यहां जूते व चप्पलों का इलाज जर्मन तकनीक से किया जाता है। बैनर पर सबसे नीचे लिखा है कि हमारी अमेरिका के सिवाय और कहीं शाखा नहीं है। नरसी राम ने अपने काम की गारंटी का भी जिक्र किया है। आनंद महिंद्रा ने नरसी राम के तरीके से प्रभावित होकर इस तस्वीर को अपने ट्वीटर हैंडल पर अपलोड किया था।

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दुकान का डिजाइन बना रही महिंद्रा की टीम

आनंद मङ्क्षहद्रा के निर्देश पर कुछ दिन पहले उनकी कंपनी के कर्मचारी नरसी राम के पास आए थे। तब नरसी से उनकी डिमांड पूछी थी। नरसी ने पैसों मांग न करके कहा था कि वह जहां फुटपाथ पर बैठकर काम करता है, उस जगह दुकान बनाने की इच्छा है। अब आनंद महिंद्रा ने दोबारा ट्वीट कर जानकारी दी है कि महिंद्रा की डिजाइन स्टूडियो टीम फटे-पुराने जूते-चप्पलों की मरम्मत करने वाले नरसीराम के लिए चलता-फिरता नया अस्पताल तैयार करने में जुट गई है, जहां वह जख्मी जूतों का इलाज कर सकेंगे।

 
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