अमेरिकी SC के जज बन सकते हैं भारतीय मूल के अमूल थापर, ट्रंप ने लिया इंटरव्यू

जाने-माने भारतीय-अमेरिकी जज अमूल थापर अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस एंथनी कैनेडी की जगह ले सकते हैं. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इस पद के नॉमिनेशन के लिए जिन 25 लोगों का नाम चुना है उनमें अमूल थापर का भी नाम है. पिछले हफ्ते कैनेडी ने अपने रिटायरमेंट की घोषणा की थी.अमेरिकी SC के जज बन सकते हैं भारतीय मूल के अमूल थापर, ट्रंप ने लिया इंटरव्यू

लेकिन न ही व्हाइट हाउस ने और न ही ट्रंप ने इस बारे में कुछ भी बताया. सिवाय इसके कि उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के लिए नॉमिनेट किए गए चार लोगों का इंटरव्यू किया है. वाशिंगटन पोस्ट की रिपोर्ट के अनुसार, ट्रंप ने जिन चार लोगों का इंटरव्यू किया है उनमें अमूल थापर के अलावा ब्रेट कवाना, एमी कोनी बैरेट और रेमंड केथलेज शामिल हैं.

ट्रंप ने कहा कि वो दो या तीन और लोगों से मीटिंग करेंगे इसके बाद फैसला लेंगे कि कौन सुप्रीम कोर्ट का जस्टिस बनेगा. व्हाइट हाउस में ट्रंप ने रिपोर्टर्स से कहा कि अगले कुछ दिनों में ये काम कर लिया जाएगा और सोमवार को (9 जुलाई) को इसकी घोषणा कर दी जाएगी. व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव सारा सैंडर्स ने कहा कि ट्रंप ऐसे व्यक्ति की तलाश कर रहे हैं जो बुद्धिमान हो और संविधान की रक्षा कर सके. ट्रंप ने नॉमिनेशन से जुड़े कम्युनिकेशन की कोशिशों को देखने के लिए इंडियन अमेरिकन राज शाह को नियुक्त किया था.

अगर नॉमिनेट किए जाने के बाद सीनेट द्वारा थापर के नाम पर मुहर लगा दी जाती है तो वो अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट की नौ सदस्यीय बेंच में शामिल होने वाले पहले भारतीय-अमेरिकी होंगे. जिस पद पर थापर अभी हैं, उस पर भी उनकी नियुक्ति पिछले साल ट्रंप ने ही किया था. सोमवार को फॉक्स न्यूज़ ने कहा कि थापर सुप्रीम कोर्ट और रिपब्लिकन दोनों के लिए ठीक होंगे. रिपोर्ट में कहा गया कि थापर अमेरिका में रहने वाले 40 लाख लोगों के लिए बेहतरीन उदाहरण हैं जिनकी आय अमेरिका में काफी अच्छी है.

थापर को सीनेट के मेजोरिटी लीडर सीनेटर मिच मैक कोनेल का भी समर्थन है. मैक कोनेल ने रिपोर्टर्स को बताया कि थापर काफी बुद्धिमान हैं. फॉक्स ने कहा कि थापर को नॉमिनेट करने से होने वाले राजनीतिक फायदे साफ हैं. हालांकि अमेरिका में 2016 में एशियाई वोटर्स की संख्या मात्र 4 फीसदी थी लेकिन अब तेजी से इनकी संख्या बढ़ रही है खासकर नेवादा और वर्जीनिया में जहां क्रमशः 11 फीसदी और 7 फीसदी वोटर्स हैं.
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