भाजपा अध्यक्ष अमित शाह अपने एक दिनी दौरे में ‘चेतक-ट्टटू’ की नई बहस छेड़ गए हैं। बहस के बीच में उत्तराखंड पुलिस का ‘शक्तिमान’ घोड़ा भी ‘जिंदा’ हो गया है। कांग्रेस शाह के बयान पर आग बबूला है। प्रहार के लिए उसकी तरकश से नुकीले तीर निकल रहे हैं। कांग्रेस ने कहा है कि शक्तिमान घोडे़ की टांग तोड़ने वाले क्या जानें कौन ‘चेतक’ है और कौन ‘ट्टटू’। पार्टी ने आगे ये भी कहा है कि 2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा को पता चल जाएगा कि कौन ‘चेतक’ है और कौन ‘ट्टटू’।
शाह ने रविवार को कहा था कि भाजपाई चेतक घोडे़ के समान हैं, जबकि कांग्रेसी भाडे़ के ट्टटू हैं। दिलचस्प बात ये है कि शाह की बैठक में भी शक्तिमान घोडे़ का जिक्र हुआ था। हालांकि उसका संदर्भ दूसरा था। मीडिया पर कटाक्ष करते हुए शाह ने कहा था कि मीडिया घोडे़ को भी हीरो बना देता है। शाह ने इसके बाद भाजपाइयों को चेतक और कांग्रेसियों को भाडे़ के ट्टटू की संज्ञा दी थी। कांग्रेस ने इस मामले में कड़ी प्रक्रिया दी।
पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह ने कहा-इस तरह की शब्दावली का प्रयोग शाह की मानसिकता बताती है। एक राष्ट्रीय पार्टी के अध्यक्ष के इस तरह के बयान निंदा लायक हैं। उन्होंने कहा-भाजपा को प्रचंड बहुमत पर बड़ा गुमान है, मगर उपचुनावों ने उसे आईना दिखा दिया है। 2019 में पता चल जाएगा कि कौन क्या है।
इधर, पूर्व सीएम हरीश रावत इस मामले में शाह के खिलाफ खासे मुखर होकर सामने आए हैं। हरीश रावत की सरकार के जमाने में ही शक्तिमान प्रकरण सामने आया था। इसमें पुलिस के घोडे़ शक्तिमान की टांग टूट गई थी। भाजपा विधायक गणेश जोशी को इसके लिए आरोपित किया गया था।
बाद में शक्तिमान की मौत हो गई थी। शाह के बयान पर सोमवार को हरीश रावत ने शक्तिमान प्रकरण की नए ढंग से याद दिलाई। उन्होंने कहा कि भाजपा घोडे़ की टांग तोड़ने वाली पार्टी है। उसे चेतक-ट्टटू के अंतर के बारे में क्या पता होगा।