27 को महर्षि भृगु स्थापित शिवलिंग का अभिषेक करने पहुँचेंगे अमित शाह

इलाहाबाद। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह अब प्रयागराज में संगम तट पर स्नान-ध्यान और पूजन करेंगे। शाह के 27 जुलाई को प्रयाग आने का कार्यक्रम तय हो चुका है। वह दोपहर बाद इलाहाबाद शहर पहुंचेंगे। यमुना बैंक रोड स्थित मौज गिरि मंदिर जाएंगे। वहां मंत्रोच्चार के बीच भृगु ऋषि द्वारा स्थापित शिवलिंग का अभिषेक करेंगे। मंदिर परिसर में महंतों के साथ बैठक करके कुंभ मेला की तैयारियों पर चर्चा करेंगे। वह यहां स्थित मौज गिरि मंदिर से वह संगम जाएंगे।27 को महर्षि भृगु स्थापित शिवलिंग का अभिषेक करने पहुँचेंगे अमित शाह

वहां कुंभ मेला की सकुशल संपन्नता को लेकर पूजन करके लेटे हनुमान जी का दर्शन करने जाएंगे। वहां हनुमान जी की आरती उतारेंगे। मंदिर में कुछ देर रुकने के बाद सर्किट हाउस में भाजपा कार्यकर्ताओं से मुलाकात करेंगे। रात्रि का भोजन मठ बाघंबरी गद्दी में संतों के साथ करेंगे। महंत नरेंद्र गिरि ने बताया कि उनके पास अमित शाह के आने की सूचना आ गई है। 

जानें महर्षि भृगु को

महर्षि भृगु को ब्रह्मा के मानस पुत्र माना जाता है। वह आज से लगभग 9000 वर्ष पूर्व के थे। इनके बड़े भाई का नाम अंगिरा था। अत्रि, मरीचि, दक्ष, वशिष्ठ, पुलस्त्य, नारद, कर्दम, स्वायंभुव मनु, कृतु, पुलह, सनकादि ऋषि इनके भाई हैं। ये विष्णु के श्वसुर और शिव के साढू थे। महर्षि भृगु को सप्तर्षि मंडल में स्थान है। महर्षि भृगु की पहली पत्नी का नाम ख्याति था, जो उनके भाई दक्ष की कन्या थी। इसका मतलब ख्याति उनकी भतीजी थी। दक्ष की दूसरी कन्या सती से भगवान शंकर ने विवाह किया था। ख्याति से भृगु को दो पुत्र दाता और विधाता मिले और एक बेटी लक्ष्मी का जन्म हुआ।

स्वायंभुव मनु और मनुस्मृति 

महर्षि भृगु ने लक्ष्मी का विवाह भगवान विष्णु से कर दिया था। भृगु पुत्र धाता के आयती नाम की स्त्री से प्राण, प्राण के धोतिमान और धोतिमान के वर्तमान नामक पुत्र हुए। विधाता के नीति नाम की स्त्री से मृकंड, मृकंड के मार्कण्डेय और उनसे वेदश्री नाम के पुत्र हुए। पुराणों में कहा गया है कि इनसे भृगु वंश बढ़ा। इन्हीं भृगु ने भृगु संहिता की रचना की। उसी काल में उनके भाई स्वायंभुव मनु ने मनुस्मृति की रचना की। भृगु के और भी पुत्र थे जैसे उशना, च्यवन आदि। ऋग्वेद में भृगुवंशी ऋषियों द्वारा रचित अनेक मंत्रों का वर्णन मिलता है जिसमें वेन, सोमाहुति, स्यूमरश्मि, भार्गव और आर्वि आदि का नाम आता है। भार्गवों को अग्निपूजक माना गया है। 

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