‘मेरे से भी बड़े एक्टर है मोदी’ कहने वाले साउथ इंडस्ट्री के प्रकाश राज के ये हैं 5 विवादित बयान

साउथ इंडस्ट्री के मशहूर एक्टर प्रकाश राज का आज (26 मार्च )जन्मदिन है. ये वही एक्टर हैं जिन्होंने बेबाक अंदाज में मोदी सरकार पर निशाना साध कर सबको हैरान कर दिया था. पीएम मोदी को एक्टर कहने वाले इस नेशनल अवॉर्ड विनर एक्टर पर केस भी दर्ज हो चुका है.

'मेरे से भी बड़े एक्टर है मोदी' कहने वाले साउथ इंडस्ट्री के प्रकाश राज के ये हैं 5 विवादित बयानपिछले दिनों जर्नलिस्ट गौरी लंकेश की हत्या को लेकर पीएम मोदी पर निशाना साधते हुए प्रकाश राज ने कहा था कि, लोग सोशल मीडिया पर खुलेआम गौरी लंकेश की हत्या की खुशी मना रहे हैं. यहां तक की खुशी मनाने वाले लोग वे भी हैं जिन्हें पीएम मोदी सोशल मीडिया पर फॉलो करते हैं. प्रकाश राज ने पीएम मोदी को अपने से बड़ा एक्टर भी बताया था.’ इस बयान के बाद एक्टर ने अपने नेशनल अवार्ड लौटाने की धमकी भी दीथी.

इस बयान के अलावा इंडिया टुडे कॉन्क्लेव साउथ 2018 इवेंट में भी सरकार पर निशाना साधने को लेकर एक्टर प्रकाश राज चर्चा में आ गए थे. जिन बयानों को लेकर प्रकाश राज सुर्खि‍यों में रहे, वो बयान थे:

1. ‘धर्म, संस्कृति और नैतिकता के नाम पर डर पैदा करना आतंक नहीं तो क्या है?’

2. ‘मैं कोई अवॉर्ड नहीं चाहता. मुझसे न कहें कि अच्छे दिन आएंगे. मैं जाना पहचाना एक्टर हूं, जब आप एक्ट‍िंग करते हैं तो मैं पहचान लेता हूं.’

3. ‘यदि मेरे देश की सड़कों पर युवा जोड़ों को गाली देना और मारपीट करना आतंक नहीं है, यदि कानून अपने हाथ में लेना और गौ-हत्या के शक की बिनाह पर भीड़ का किसी को मारना आतंक नहीं है, यदि गालियों के साथ ट्रोल करना, धमकाना, मतभेद की छोटी सी भी आवाज को दबाना आतंक नहीं है तो फिर आतंक और क्या है.’

4. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह हिंदू नहीं है. मोदी सरकार का कोई मंत्री किसी एक धर्म का पूरी तरह से सफाया करने की बात कहता है और प्रधानमंत्री और उनकी पार्टी के अध्यक्ष चुप रहते हैं तो उनके हिंदू होने पर सवाल उठाने को कैसे गलत ठहराया जा सकता है.

5. पद्मावत के विरोध को लेकर किया था ट्वीट- प्रकाश राज ने अपने ट्वीट में लिखा, ‘एक नाक काटना चाहता है..एक कलाकार को पीछे करना चाहता है. एक अभिनेता को शूट करना चाहता है … और एक जूरी द्वारा चुने जाने के बावजूद फिल्म समारोह से कुछ फिल्मों को हटाना चाहता है. और आप चाहते हैं कि हम मानें कि असहिष्णुता का कोई निशां नहीं है..? आवाज़ें दबाना ..? दहशत फैलाना..?’

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