अमेरिका चाहता है तालिबान से हो सीधी बात

आतंकियों के खिलाफ 17 साल से चल रहे अमेरिका के ऑपरेशन के बीच अमरीका अब जाकर तालिबान से सीधे बातचीत करना चाहता है. 11 सितंबर 2001 के बड़े आतंकी हमले के बाद अमेरिका ने अफगानिस्तान आतंकियों के  तालिबानी बसेरे बर्बाद किये है जो अब तक जारी था. अमेरिका के लिए वॉशिंगटन डीसी से जारी बयान में कहा गया कि आतंकियों से किसी भी तरह के जुड़ाव का मकसद ‘अफगान टू अफगान’ बातचीत को कायम करना है. इसपर तालिबान ने कहा कि सीधी बात के लिए हमसे अभी तक किसी भी अमेरिकी अधिकारी ने संपर्क नहीं किया है.

तालिबान लंबे समय से अफगान सरकार से सीधी बात करने से इनकार करता आ रहा है. इसकी जगह वह अमेरिका से बात करने की मांग कर रहा है. अफगान राष्ट्रपति अशरफ गनी ने इस उम्मीद के साथ रमजान के पाक महीने के दौरान एकतरफा सीज़फायर का ऐलान किया था कि इससे आतंकी सीधी बात के लिए राज़ी हो जाएंगे. मगर तालिबान ने आतंकी हमले जारी रखे

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मजबूर होकर गनी को ईद के बाद आर्मी ऑपरेशन फिर से शुरू करना पड़ा. बात भारत सरकार के उस एलान से मिलती है जिसमे उसने भी कश्मीर में रमजान के पाक महीने के दौरान एकतरफा सीज़फायर का ऐलान किया था और पाक इस दौरान भी अपनी नापाक करतूतों से बाज नहीं आया था. 

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