आगरा में रोहिंग्या मुस्लिमों को खोज रहीं खुफिया एजेंसी, बन रही सूची

आगरा में रोहिंग्या मुस्लिमों और बांग्लादेशी नागरिकों की तलाश एक बार फिर से शुरू की गई है। तीन दिन पहले शासन ने इस बारे में प्रशासन से रिपोर्ट भेजने के लिए कहा था। इस पर खुफिया एजेंसियों ने पड़ताल शुरू की है। 
आगरा में  रोहिंग्या मुस्लिमों को खोज रहीं खुफिया एजेंसी, बन रही सूचीपुलिस सूत्रों का कहना है कि अभी तक यही जानकारी मिल पाई है कि यमुना पार इलाके में रेहिंग्या मुस्लिम रह रहे हैं। ये कूड़ा बीनने के काम में लगे हैं। इनके अलावा बंग्लादेशी नागरिकों की संख्या तो 500 से भी ज्यादा है। ये आधार कार्ड तक बनवा चुके हैं।

पिछले साल जाली नोटों की तस्कर फातिमा उर्फ लीची एत्माद्दौला के सतीनगर से पकड़ी गई थी। वह बंग्लादेशी मूल की थी। तब भी यह बात सामने आई थी कि बंग्लादेश से आई 80 महिला इस क्षेत्र में रहती हैं।

ये सभी बार्डर पार करके आई हैं। यहां पर शादी की है। अब इनके आधार कार्ड, वोटर कार्ड, राशन कार्ड बन चुके हैं। इनके अतिरिक्त कई अन्य लोग भी हैं। सदर में भी दो साल पहले बंग्लादेशी नागरिकों की पूरी बस्ती होने का खुलासा हुआ था। तब पुलिस ने कार्रवाई नहीं की थी। 
अब शासन से जानकारी मांगे जाने पर खुफिया पुलिस की टीमों को लगाया गया है। पिछले साल तक कई बंग्लादेशी नागरिक कमेलों में काम कर रहे थे। अब कमेले बंद चल रहे हैं, तो उन्होंने कूड़ा बीनने और कबाड़ खरीदकर बेचने का काम शुरू कर दिया है।
बांग्लादेश से ब्रज में जाली करेंसी भी भेजी जा रही है। आगरा और फिरोजाबाद में इसका खुलासा हो चुका है। लीची से पहले भी दो लोग पकड़े गए थे। 

लीची को एनआईए की कोलकाता यूनिट ने गिरफ्तार किया था। एनआईए उसके कई मिलने वालों के बैंक खातों की जांच कर रही है। इस सिलसिले में दो बार एत्माद्दौला आ चुकी है।

 
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