अखिलेश यादव ने सरकारी बंगले को बनाया खंडहर

लखनऊ। समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष तथा उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को सरकारी बंगला छोडऩे का आदेश इतना खराब लगा कि उन्होंने बंगले के हर कोने में जमकर तोडफ़ोड़ की। कभी आलीशान महल की तरह दिखने वाला बंगला खंडहर की तरह दिख रहा है।अखिलेश यादव ने इसे अपने मुख्यमंत्री रहते ही बनवाया था। इसको भव्य रूप देने और साज सज्जा में दो बार में 42 करोड़ रुपये खर्च किये गए थे। अखिलेश यादव ने बतौर पूर्व मुख्यमंत्री आवंटित बंगला, चार विक्रमादित्य मार्ग दो जून को खाली कर दिया था। बंगला की चाभी राज्य संपत्ति विभाग को सौंपी गई। जब राज्य संपत्ति विभाग के कर्मी बंगला में अंदर घुसे तो वह अपना माथा पकड़ कर बैठ गए।अखिलेश यादव ने सरकारी बंगले को बनाया खंडहर

जब राज्य संपत्ति विभाग को बंगले की चाभी मिली तो वहां पर सभी लोग उस आलीशान बंगले की दुर्गति देखकर हैरत में थे। बंगले को भव्य स्वरूप देने तथा सजावट में करोड़ों रुपया खर्च किया गया था। इसमें सुख सुविधाओं का हर इंतजाम किया गया था, लेकिन इसे खाली करते वक्त बुरी तरह से उजाड़ दिया गया है। कभी पूरे मन से बनवाए गए अपने सरकारी बंगले को पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने खंडहर जैसा कर दिया। भव्यता के लिए प्रसिद्ध इस बंगले में शनिवार सुबह राज्य संपत्ति के कर्मचारी पहुंचे तो उन्हें सब कुछ टूटा-फूटा मिला। यहां तक स्विमिंग पूल को भी पाट दिया गया था। एसी व सजावट के अन्य सामान सहित शीशे तक निकाले जा चुके थे। 

पूर्व मुख्यमंत्री के रूप में अखिलेश को मिले सरकारी बंगले को शनिवार को राज्य संपत्ति विभाग ने मीडिया के लिए खोला। अखिलेश को चार विक्रमादित्य मार्ग स्थित बंगला आवंटित किए जाने के बाद इसे भव्य रूप देने और साज-सज्जा में दो बार में 42 करोड़ रुपये खर्च किये गए थे। यह बंगला अखिलेश के मुख्यमंत्रित्व काल में बनवाया गया था। सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर उन्होंने यह बंगला गत दो जून को खाली कर दिया था। राज्य संपत्ति विभाग को इसकी चाभी मिली तो शनिवार सुबह यहां पहुंचे कर्मचारी अवाक रह गए। बंगले के परिसर में सब कुछ बिखरा दिख रहा था। कभी विदेशी पौधों से हरा-भरा गार्डेन उजाड़ था।

कई जगह पेड़ उखाड़े जाने के निशान मौजूद थे। इसके किनारे बने साइकिल ट्रैक की फर्श पैदल चलने लायक भी नहीं थी। दाहिनी ओर बने बैडमिंटन कोर्ट की लकड़ी की फर्श भी उखाड़ी गई थी। इसके किनारे लोहे के कटे हुए गर्डर से अनुमान लगाया गया कि कोर्ट के ऊपर छत भी रही होगी लेकिन, उसे भी हटा दिया गया। कोर्ट की नेट व लाइटें भी उखाड़ ली गईं। बंगले में कई जगह फर्श पर लगे मार्बल व फ्लोर टाइल्स को उखाड़ दिया गया था। दीवारों पर भी तोडफ़ोड़ के निशान थे। मुख्य बंगले के पीछे गार्डेन में बने स्विमिंग पूल को पाटकर उस पर कच्चा प्लास्टर कर दिया गया है।  

मुख्य बंगले के फस्र्ट फ्लोर पर अखिलेश यादव परिवार समेत रहते थे। वहां के सभी बाथरूमों की टोटियां और जकूजी बाथ असेंबली निकाल ली गई थी। छत पर लगी सेंट्रल एसी यूनिट को भी निकाल लिया गया। वहां पर सिर्फ कटी केबल व कॉपर पाइप के अवशेष हाई कैपेसिटी के एसी लगे होने की ओर इशारा कर रहे थे। बंगला में सिर्फ मंदिर को छोड़कर हर जगह को तहस-नहस कर दिया गया था। बंगले में लगे फ्लोर टाइल्स, मार्बल समेत कई जगह फर्श टूटी पड़ी मिली। छत और दरवाजों पर भी हथौड़ा चला है। यहां तक इलेक्ट्रिसिटी बोर्ड तक को नहीं बख्शा। उसे भी उखाड़ दिया गया है।

पूरे बंगले में लगे टीवी, फर्नीचर, पंखे और अन्य सामान भी नदारद थे। किचन में टोटियां, मॉड्यूलर किचन के उपकरणों और सिंक तक को निकाल लिया गया। मुख्य बंगले के बगल में स्थित जिम में भी दीवारें और छत ही बाकी बची थी। फस्र्ट फ्लोर पर भी जमकर तोडफ़ोड़ की गई और दीवार पर लगी टाइल्स व मार्बल को तोड़ दिया गया था। जगह-जगह फॉल्स सीलिंग से लाइट भी निकाल ली गईं। 

भव्यता के कारण जाना जाने वाला बंगला उजड़ चुका था। इस अलीशान बंगला की फर्श के साथ ही टाइल्स भी उखाड़ दी गई है। कोई भी दीवार ऐसी नहीं थी, जिसको तोड़ा नहीं गया हो। सेंट्रली एसी इस भवन के एसी तक उखाड़े गए हैं।

पूर्व सीएम अखिलेश यादव और बगल में स्थित उनके पिता मुलायम सिंह यादव के बंगले के बीच एक मोटर गैराज मौजूद है। उसकी छत पर एक स्विमिंग पूल बनाया गया था। हालांकि, बंगला छोडऩे से पहले इसे भी तहस-नहस कर दिया गया। न सिर्फ इसकी टाइल्स उखाड़ ली गईं बल्कि, इसकी एक तरफ की दीवार को भी पूरी तरह तोड़ दिया गया। 

बंगला छोडऩे से पहले एसी भी निकाला गया। इसके साथ ही स्वीमिंग पूल के हिस्सा भी पाटा हुआ मिला। इस पूल में विदेशी टाइल्स लगी थी। जिनको उखाडऩे के बाद पूल में मिट्टी भर दी गई है। इस बंगला में बाहर गेट से लेकर अंदर तक पूरा टूटा-फूटा था। इसके जिम एरिया में सबसे ज्यादा टूट फूट हुई है। इसके साथ ही इनडोर गेम्स के एरिया में भी तोडफ़ोड़ देख गई। कहीं लोहे के एंगल निकले हुए थे, तो कहीं दीवार टूटी हुई थी।

बाहर साइकिल ट्रैक की पूरी फर्श टूटी पड़ी मिली। हमेशा हरा-भरा रहने वाला गार्डन भी अखिलेश यादव के आक्रोश का शिकार हुआ है। बैडमिंटन कोर्ट की भी फर्श, दीवारें, नेट और टाइल्स उखाड़ दिए गए हैं। इसके साथ ही बंगला में लगी लिफ्ट को भी उखाड़ा गया है। बंगले में लगे सभी एसी, टीवी, फर्नीचर, पंखे और अन्य सामान को शिफ्ट कर दिया गया है। बंगले में मौजूद जिम को भी हटा दिया गया है। 

मंदिर मिला पूरी तरह सुरक्षित

मुख्य बंगले के फस्र्ट फ्लोर पर ही अखिलेश ने मंदिर बनवाया था। इसके दोनों ओर मार्बल की नक्काशीदार दीवारें हैं। पूरी इमारत में सिर्फ मंदिर में किसी भी तरह की तोडफ़ोड़ नहीं की गई। इसे किसी ने नहीं छुआ। ऐसा लगता था जैसे कि इसके लिए विशेष निर्देश दिए गए हों। 

बच्चों ने कर रखी थी दीवारों में पेंटिंग 

आम घरों की तरह अखिलेश के बंगले में भी बच्चों ने दीवारों पर पेंटिंग कर रखी थी। बच्चों के कमरे में जहां एक दीवार पर दो पेड़ बनाए हुए थे,  वहीं, एक पर फूल बना था। एक दीवार पर अंग्रेजी में ‘लाइफ इज टू शॉर्ट टू वरी अबाउट थिंग्स…ओके कूल’ लिखा था। बच्चों ने कमरे की दीवार पर पेपर पर खुद बनाए गए घोड़े की तस्वीर भी लगा रखी थी। 

राज्य संपत्ति विभाग ने सूची बनानी शुरू की

बंगले का कब्जा मिलने के बाद राज्य संपत्ति विभाग ने उसके सामानों की सूची बनानी शुरू कर दी है। राज्य संपत्ति विभाग के अधिकारियों ने बताया कि यदि कोई सरकारी संपत्ति गायब मिली या जानबूझकर तोडफ़ोड़ का मामला सामने आया तो नोटिस जारी की जाएगी। 

सपा प्रवक्ता ने कहा, बदनाम करने की साजिश

समाजवादी पार्टी के प्रवक्ता सुनील सिंह यादव ‘साजन’ ने कहा कि सिर्फ सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव का ही बंगला क्यों मीडिया के लिए खोला गया। यह तो उनको बदनाम करने की साजिश है। राज्य संपत्ति विभाग बताए कि उन्हें सरकारी बंगले में कितना सामान अलॉट किया गया था।

लाइफस्टाइल का पर्दाफाश

भारतीय जनता पार्टी के प्रवक्ता राकेश त्रिपाठी ने अखिलेश के बंगला खाली करने पर आरोप लगाते हुए कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री के आलीशान लाइफस्टाइल का आज पूरी तरह पर्दाफाश हो गया है। इस तरह तो देश के उद्योगपति भी नहीं रहते। अखिलेश यादव ने घर के एसी तक उखाड़ लिए। उन्होंने सरकारी पैसे का जमकर दुरुपयोग किया है। 

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