बड़ीखबर: यूपी में अखिलेश और मायावती की चुनावी ‘चुप्पी’ ने भाजपा को दी मात
इसी तरह मायावती पूरी तरह से चुप्पी साधे रहीं। बीएसपी सूत्रों ने बताया कि पार्टी सुप्रीमो ने पार्टी के कार्यकर्ताओं को निर्देश दिए की शांति से एसपी-आरएलडी प्रत्याशियों का समर्थन करें। यहां पर जाट और गुर्जर वोट के अलावा 15 फीसदी वोट दलित समुदाय का भी है। मायावती ने खुले तौर पर एसपी-आरएलडी का समर्थन नहीं किया। माना जा रहा है कि अगर मायावती खुलेआम समर्थन देतीं तो दलित वोटों का धुव्रीकरण होता।
बीएसपी के एक समर्थक ने बताया कि मायावती को कुछ और कहने की जरूरत नहीं थी। वह एसपी-बीएसपी गठबंधन पर पहले ही बोल चुकी थीं। मंगलवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस करके अखिलेश यादव ने बताया कि वह कैराना में चुनाव प्रचार के लिए क्यों नहीं गए। अखिलेश ने कहा कि वह प्रचार में इसलिए नहीं गए क्योंकि वह सीएम योगी के भाषण से डर गए थे। उन्होंने कहा कि बीजेपी की हार स्वयं से हुई है। यह उन लोगों की जीत है जो सांप्रदायिक सद्भावना, प्रेम और शांति पर विश्वास करते हैं।