पंजाब में फिर सामने आया खनन का भूत, मंत्री ने कहा हो रही अवैध माइनिंग

चंडीगढ़। पंजाब में सरकार तो बदल गई, लेकिन अवैध रेत खनन की तस्वीर नहीं बदली। पहले अकाली-भाजपा से जुड़े नेता अवैध माइनिंग कर रहे थे। अब कांग्रेस के नेता कर रहे है। ग्रामीण विकास एवं पंचायत और जल आपूर्ति मंत्री तृप्त राजिंदर सिंह बाजवा ने भी यह माना है कि नदियों के साथ लगती पंचायती जमीनों पर अवैध माइनिंग हो रही है। पंचायती विभाग ने नदियों के किनारे 3000 एकड़ माइनिंग योग्य पंचायती जमीन की निशानदेही कर ली है। विभाग इसे ई-ऑक्शन करके 100 करोड़ रुपये से ज्यादा की आमदनी करने की तैयारी में है।पंजाब में फिर सामने आया खनन का भूत, मंत्री ने कहा हो रही अवैध माइनिंग

कांग्रेस ने अपने चुनाव एजेंडे में अवैध माइनिंग और ड्रग्स को प्रमुख मुद्दों के रूप में रखा था। ड्रग्स मामले में कांग्रेस के विधायक सुरजीत धीमान ने सरकार की कार्यप्रणाली पर अंगुली उठाई थी। वहीं, अब कांग्रेस के मंत्री ने अवैध माइनिंग को लेकर अंगुली उठाई है। रेत के ठेके को लेकर कैबिेनेट मंत्री राणा गुरजीत सिंह पहले ही विवादों में घिरे हैं। ऐसे में ग्रामीण विकास मंत्री की ओर से अवैध माइनिंग पर मुहर लगाने से पंजाब सरकार की कार्यप्रणाली पर अंगुली खड़ी कर रही है।

वहीं, पंचायत मंत्री बाजवा ने बताया कि पंचायत विभाग की ओर से गांवों की हड्डारोडिय़ों संबंधित समस्याओं का पक्का हल निकालने के लिए मरे हुए जानवरों का वैज्ञानिक तरीके से खात्मा करने के लिए पीपीपी स्कीम के अंतर्गत राज्य में तीन रैंडरिंग प्लांट लाने का प्रस्ताव है। इस संबंध में दिल्ली, गाजियाबाद और जयपुर में लगे रैंडरिंग प्लांट के निरीक्षणों के आधार पर पटियाला, अमृतसर और लुधियाना जिलो में प्रोजेक्ट लाने के लिए कार्यवाही जारी है। इस के साथ जहां बदबू और खूंखार कुत्तों की समस्या को नकेल पड़ेगी। वही विभाग को आमदन भी होगी।

पेड़ों से बढ़ेगी पंचायतों की आय

बाजवा ने विभाग के एक अन्य नए प्रोजेक्ट का जिक्र करते कहा कि विभाग की ओर से नीम पहाड़ी और सीमावर्ती क्षेत्र में पंचायती जमीन की योग्य इस्तेमाल करके पंचायतों की आय में विस्तार करने के लिए पौधे लगाने और एग्रो फॉरेस्ट्री को उत्साहित किया जाएगा। इस स्कीम के अंतर्गत विभाग की ओर से एक लाख एकड़ क्षेत्रफल की पहचान की गई है। इसमें से पहले साल में 35000 एकड़ क्षेत्रफल को इस्तेमाल  किया जाएगा। इसके अंतर्गत 25000 एकड़ क्षेत्रफल में मनरेगा अधीन 50 लाख पौधे लगाए जाएंगे। 

सड़कों की मियाद तय की जाएगी

मंत्री ने कहा कि गांवों में बार-बार गलियों को खोद कर पक्के करने के नाम पर हो रहे फंड के दुरुपयोग को रोकने के लिए सड़कों की मियाद तय की जाएगी। इस संबंधित विभागीय समिति की रिपोर्ट अनुसार ईंटों के साथ बनीं गलियों की मियाद 15 साल और कंक्रीट पेवर या कंक्रीट के साथ बनीं गलियों की मियाद 20 साल तय की जाए।

उन्‍होंने कहा कि पंचायतों के फंडों का ऑडिट के संबंध में बाजवा ने कहा कि ऑडिट का काम चल रहा है, अब तक 5091 पंचायतों का ऑडिट का काम पूरा हो गया है, जिनमें से 4072 पंचायतों का ऑडिट पब्लिक ऑडिटर ऑफ इंडिया और 1019 पंचायतों का ऑडिट स्थानिक फंड लेखा की तरफ से किया गया है। इस ऑडिट के दौरान जो कमियां डालीं गई हैं, इस संबंधित पंचायत सचिवों, सरपंचों और जेईज को नोटिस जारी किए गए हैं।

1000 गांवों को हर वर्ष 10 घंटे पानी 

बाजवा ने बताया कि पंजाब सरकार हर वर्ष 1000 नए गांवों को 10 घंटे पीने वाले साफ पानी की स्पलाई शुरू की करेगी। इस स्कीम के अंतर्गत अब तक 1852 गांवों को 10 घंटे पानी की सप्लाई दी जा रही है। बाजवा ने बताया कि अब तक 107 गांवों में 24 घंटे पानी सप्लाई दी जा रही है और इस वर्ष 50 अन्य गांवों में 24 घंटे पानी सप्लाई शुरू कर दी जाएगी।

उन्होंने बताया कि 2200 करोड़ की लागत के साथ 100 फीसद गांवों को 2021 तक वाटर स्पलाई और सेनिटेशन की बेहतरीन सुविधाएंं दी जाएंगी। बाजवा ने बताया कि सरकार  उन गांवों में नहरी पानी सप्लाई करने के लिए नए प्रोजेक्ट शुरू करेगीं, जहां भू जल की स्थिति खराब है। मोगा में 176.12 करोड़ रुपये की लागत से लगाए जा रहे प्रोजेक्ट से 85 गांवों को बठिंडा ब्रांच नहर का पानी पीने के लिए सप्लाई किया जाएगा। इसे वर्ष के अंत तक पूरा किया जाएगा।

उन्‍होंने बताया कि इसी तरह के प्रोजेक्ट पटियाला व फतेहगढ़ साहिब भी लगाए जा रहे हैं। विश्व बैंक और राष्ट्रीय ग्रामीण पानी सप्लाई प्रोग्राम के अंतर्गत पटियाला जिले के 204 गांवों को 240 करोड़ और फतेहगढ़ साहिब के 93 गांवों को 90 करोड़ की लागत के साथ इस स्कीम के अंतर्गत नहरी पानी घरों में पीने के लिए मुहैया करवाया जाएगा। रोपड़ जिले के नूरपुरबेदी इलाके के 45 गांवों में नहरी पानी सप्लाई करने की योजना इस वर्ष पूरी कर ली जाएगी।

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