शोको असहारा के बाद उसके संगठन के 6 और सदस्यों को दी गई फांसी
जापान में सांप्रदायिक समूह के 6 और सदस्यों को फांसी दे दी गई है जो साल 1995 के शरीन अटैक में शामिल थे. स्थानीय मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार समूह के नेता शोको असहारा को कुछ हफ्ते पहले फांसी दिए जाने के बाद टोक्यो सबवे में हुए शरीन अटैक के आरोपियों को फांसी दे दी गई. शोको असहारा, ओम शिनरिकयो नाम से एक धार्मिक संगठन का अगुवा था. खुद को क्राइस्ट और ईश्वर का दूत मानने वाले अंधे शोको असहारा ने साल 1984 में यह संगठन शुरू किया था. जापान की राजधानी टोक्यो में साल 1995 में एक भयावह घटना हुई.
टोक्यो सबवे में कुछ लोग मास्क पहने आए और उनके पास जहरीली गैस सरीन के सिलिंडर ते. उन्होंने वहीं यह गैस स्प्रे कर दिया जिसमें कई लोग मारे गए वहीं दर्जनों बीमार हो गए. जब इस घटना के सिलसिले में शोको असहारा को गिरफ्तार किया गया तो उसने इस घटना कि जिम्मेदार भगवान को बता दिया था.
शोको को हर ओर यहुदियों, फ्रीमेसंस, डच, ब्रिटिश रायल परिवार और जापान के दूसरे प्रतिद्वंद्वी धर्मों से गहरी साजिशें नजर आती थीं. उसका मानना था कि एक अंत का दिन आएगा, जिसमें तीसरा विश्व युद्ध भी होगा. उसके अनुयायी तेजी से बन तो रहे थे लेकिन अनुयायियों के साथ खराब व्यवहार की खबरें भी आती थीं. असहारा पर लोगों के ब्रेन वॉश करने का आरोप लगने लगा. खासकर अनुयायियों के परिवारजनों ने ये शिकायतें करनी शुरू कीं.
स्थानीय मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार अधिकारी देश के सम्राट का कार्यकाल अगले वर्ष समाप्त होने से पहले ओम शिनरिकयो के सभी सदस्यों को सजा दे देना चाहते हैं. चूंकि वर्तमान सम्राट के हेइसी युग में अपराध किए गए थे, अधिकारियों का कहना है कि नया युग शुरू होने से पहले सजा दे दी जाए.