शांतिकुंज प्रमुख डॉ प्रणव पंड्या ने बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह से मिलने के बाद ऐसी बात कह दी जिससे पार्टी की टेंशन बढ़ सकती है। उन्होंने अमित शाह से बात करने के बाद मीडिया से बातचीत में साफ कर दिया कि शांतिकुंज लोकसभा चुनाव के लिए किसी दल के समर्थन में कोई भी संदेश जारी नहीं करेगा। साधकों को मोदी सरकार की उपलब्धियां जरूर बताई जाएगी। उसके बाद वे किसका समर्थन करते है, वह उनका विवेक है।
भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह से मुलाकात के बाद पंड्या ने शांतिकुंज की स्थिति स्पष्ट की। नमामि गंगे योजना के तहत हो रहे कामकाज से असंतुष्ट शांतिकुंज प्रमुख ने सरकारी कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े किये। डॉ. प्रणव पंड्या ने रविवार को शाह से मुलाकात के बाद पत्रकार वार्ता में कहा कि केंद्र में मोदी सरकार बेहतरीन काम कर रही है। सरकार के पास एक साल का समय है।
इसका सदुपयोग सरकार को व्यवस्था की बेहतरी के लिए करना चाहिए। अभी व्यवस्था सुधारने के लिए काफी कुछ किया जाना बाकी है। डॉ प्रणव पंड्या ने एक सवाल पर बताया कि गंगा की रक्षा के लिए शांतिकुंज के अभियान को जनता का व्यापक समर्थन मिला है, जबकि केंद्र की नमामि गंगे योजना में अभी काफी काम किए जाने की जरूरत है।
डा. प्रणव पंड्या ने कश्मीर के हालात को बेहद गंभीर बताते हुए कहा कि जिस तरह के दौर से कश्मीर गुजर रहा था उसे देखते हुए पहले ही राजनीतिक गठबंधन टूट जाना चाहिए था। उन्होंने कहा कि अगर सरकार ने अभी कश्मीर के हालात नहीं सुधारे तो स्थिति और चिंताजनक होने वाली है।
अमित शाह से हुई मुलाकात को महज शिष्टाचार बताते हुए डॉ पंड्या ने कहा कि इसके राजनैतिक मायने नहीं निकाले जाने चाहिए। उन्होंने शाह को बताया कि अखिल भारतीय गायत्री परिवार के साथ करीब दो करोड़ लोग सीधे ही जुड़े हैं।
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