बड़ा खुलासा: ‘मनमोहन के कार्यकाल से शुरू हुआ था PNB घोटाला, NDA सरकार में 50 गुना बढ़ा’

इलाहाबाद बैंक के पूर्व डायरेक्टर दिनेश दुबे ने सार्वजनिक क्षेत्र के दूसरे बड़े बैंक, पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) फ्रॉड मामले में कई खुलासे किए हैं। न्यूज एजेंसी एएनआई से बातचीत में दुबे ने कहा ‘मैंने 2013 में ही यूपीए सरकार और आरबीआई को गीतांजलि जेम्स पर डिसेन्ट नोट दिया था। लेकिन इस सब के बावजूद भी कोई सचेत नहीं हुआ। लोन का विरोध करने पर मुझपर दबाव था इसलिए मैंने बाद में इस्तीफा दे दिया। जिसका नतीजा यह निकला कि यूपीए सरकार से चला आ रहा कांड आज एनडीए सरकार में 10 से 50 गुना बढ़ गया।

 

बड़ा खुलासा: 'मनमोहन के कार्यकाल से शुरू हुआ था PNB घोटाला, NDA सरकार में 50 गुना बढ़ा'गीतांजलि जेम्स को गलत तरीके से दिए जा रहे लोन पर आवाज उठाने वाले दुबे ने बताया कि ‘पीएनबी घोटाले की नींव 2013 में इलाहाबाद बैंक की निदेशक मंडल की बैठक में ही रख दी गई थी। मैं भी सरकार की तरफ से उस बैठक में शामिल हुआ था। जिसमें गीतांजलि ज्वेलर्स के मालिक मेहुल चोसकी भी मौजूद थे। जिसमें उन्हें 550 करोड़ देने की मंजूरी दी गई थी। हालांकि इसका विरोध करने पर मुझे बाद में काफी धमकाया और डराया भी गया।’

घोटाला पकड़े जाने से पहले ही फरार

पीएनबी में घोटाला उजागर होने से पहले ही कारोबारी नीरव मोदी 1 जनवरी को देश छोड़कर चला गया। बैंक ने उसके खिलाफ सीबीआई में 29 जनवरी को 280 करोड़ रुपये के घोटाले की शिकायत दर्ज करवाई थी। बाद में बैंक की जांच में यह घोटाला 114 अरब रुपये का निकला, जिसके संबंध में बैंक ने सीबीआई में दो शिकायतें दर्ज करवाई हैं।

सीबीआई के अनुसार नीरव का भाई निशाल भी उसके साथ ही विदेश भाग गया, जबकि उसकी पत्नी एमी और पार्टनर मेहुल चोकसी 6 जनवरी को फरार हुए। सीबीआई ने एफआईआर दर्ज करने के बाद इन चारों के खिलाफ लुक आउट सर्कुलर जारी किया बाद में इंटरपोल की मदद से डिफ्यूजन नोटिस जारी किया है। इस नोटिस के बाद देश के किसी भी एयरपोर्ट पर उतरते ही उसे गिरफ्तार कर लिया जाएगा। नीरव भारतीय नागरिक है लेकिन उसकी पत्नी और भाई क्रमश: बेल्जियम और अमेरिका के नागरिक हैं।

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