AC चलाने वालों के लिए कोरोना लेकर आया ये बुरी खबर, वैज्ञानिकों ने दी चेतावनी कहा…

तेजी से फैलते कोरोना वायरस संक्रमण के बीच हार्वर्ड के एक प्रोफेसर ने AC के इस्तेमाल को लेकर एक चेतावनी जारी की है. प्रोफेसर का कहना है कि एयर कंडीशनिंग कोरोना वायरस के संक्रमण में एक अहम फैक्टर हो सकता है. इससे पहले कई विशेषज्ञों ने कहा था कि एयर कंडीशनिंग खुद संक्रमण का कारण नहीं बन सकता है, हालांकि छोटी जगहों में चल रहे AC में अधिक लोगों के बैठने से वायरस फैलने के लिए अनुकूल माहौल जरूर बनता है.

The Harvard Gazette की एक रिपोर्ट ने हार्वर्ड मेडिकल स्कूल में मेडिसिन प्रोफेसर एडवर्ड नार्डेल के हवाले से बताया, ‘अमेरिका के उन राज्यों में जहां जून महीने में तापमान ज्यादा था और एसी का इस्तेमाल ज्यादा हो रहा था, वहां कोरोना वायरस का संक्रमण ज्यादा तेजी से फैला.’

एडवर्ड नार्डेल का कहना है कि आमतौर पर सर्दी के मौसम में भी यही देखा जाता है कि ठंडी हवाओं से बचने और खुद को गर्म रखने के लिए लोग घरों में घुसे रहते हैं.

बंद कमरे और खिड़कियों के बीच AC चलाने से लोग कमरे में उसी हवा से बार-बार सांस लेते और छोड़ते हैं जिससे हवा के जरिए संक्रमण फैलने लगता है. नार्डेल ने कहा, ‘गर्मी के मौसम में लोग घरों के अंदर रहते हैं जिससे बार-बार एक ही हवा में और एक-दूसरे की छोड़ी गई सांस लेने लगते हैं. इससे इंफेक्शन का खतरा भी बढ़ जाता है.

नार्डेल ने कहा कि वायरस फैलने के लिए ज्यादातर उन ड्रॉपलेट्स को जिम्मेदार माना जाता है जो किसी संक्रमित व्यक्ति की खांसी, बातचीत या छींकने से निकलती हैं, लेकिन इस बात के भी सबूत हैं कि एयरबोर्न ट्रांसमिशन  के जरिए भी संक्रमण फैल सकता है.

ड्रॉपलेट्स में मौजूद कोरोना वायरस किसी भी सतह पर फैलने से पहले कुछ देर के लिए हवा में ही रहते हैं जिससे संक्रमण फैल जाता है.

कोरोना वायरस और दूषित हवा

2003 में SARS के प्रकोप के बाद की गई स्टडीज से पता चलता है कि कुछ संक्रमण ऊंची इमारतों की वजह से फैले क्योंकि इन इमारतों के एयरशैफ्ट से दूषित हवाएं अलग-अलग अपार्टमेंट में घुस गईं. आपको बता दें कि COVID-19 भी इसी वायरस का एक रूप है.

अप्रैल के महीने में अबू धाबी में क्लीवलैंड क्लिनिक के संक्रामक रोगों के विशेषज्ञ डॉक्टर महर बाल्किस ने बताया कि AC के एयर करेंट्स की वजह से भी वायरस का प्रभाव बढ़ सकता है.

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