भगवंत मान की लोकप्रियता पर टिकीं ‘आप’ पार्टी की उम्मीदें, जल्द शुरू होगा पंजाब का दौरा

पूर्व नेता प्रतिपक्ष सुखपाल खैरा को मिल रहे वॉलंटियर्स के रिस्पॉन्स के बाद आप की सारी उम्मीदें सूबे में अपने सबसे लोकप्रिय नेता भगवंत मान पर टिकी हैं। पार्टी को लगता है कि ऐसे हालातों में मान ही सारे समीकरण बदल सकते हैं। पार्टी की तय रणनीति के तहत मान ने प्रेस कांफ्रेंस कर खैरा गुट के खिलाफ खुल कर मोर्चा खोला। अब सूबा इकाई मान का पंजाब दौरा शुरू करवाने की तैयारी कर रही है।

 इसके लिए खास तरह का रूट प्लान बनाया जा रहा है। ताकि वे ज्यादा से ज्यादा इलाके कवर कर सकें। इसमें मान छोटी सभाएं करेंगे और वॉलंटियर्स से मुलाकात करेंगे। पार्टी को उम्मीद है कि मान की भावुक बातों से जो वॉलंटियर खैरा गुट के साथ गए हैं, वे वापस पार्टी की तरफ लौट आएंगे। पंजाब में मान को ही पार्टी का सबसे लोकप्रिय नेता माना जाता है। लोकसभा चुनाव में वह रिकॉर्ड वोटों से जीते थे। तब उनकी नुक्कड़ सभाओं में काफी भीड़ उमड़ती थी। जिनमें वे बादलों के खिलाफ जम कर व्यंग्य कसते थे।

 उसके बाद विधानसभा चुनाव में भी वही पार्टी के स्टार कैंपेनर रहे, जिन्होंने तमाम हलकों में जाकर सभाएं कीं। पार्टी के अंदर बड़ी तादाद में वॉलंटियर हैं, जो मान के कट्टर समर्थक हैं। पार्टी की आंतरिक गुटबाजी के लिहाज से मान कभी विवादों में भी नहीं रहे। इसलिए आप को उम्मीद है कि मान का पंजाब दौरा करिश्मा करेगा और वॉलंटियर दोबारा पार्टी से जुड़ेंगे। हालांकि पार्टी भी यह मान कर चल रही है कि इसमें समय लगेगा। इसलिए वह खैरा गुट के खिलाफ कोई कार्रवाई भी नहीं करेगी।

पहले ही दिन हुआ तीखा विरोध

भगवंत मान ने चंडीगढ़ में प्रेस कांफ्रेंस कर सुखपाल खैरा गुट के खिलाफ मोर्चा खोला। लेकिन पहले ही दिन उन्हें तीखे विरोध का सामना करना पड़ा। सोशल मीडिया पर उनके खिलाफ खैरा समर्थकों ने जम कर हमला बोला। उन्हें गद्दार तक कहा गया। खैरा और कंवर संधू ने प्रेस कांफ्रेंस में कहा भी कि लोगों ने ही मान को जवाब दे दिया है।

ईसड़ू में साफ होगी तस्वीर
आप के दोनों गुटों में चल रही खींचतान की तस्वीर कुछ हद ईसड़ू में साफ होने की उम्मीद है। खन्ना के पास ईसड़ू में 15 अगस्त को होने वाले शहीद करनैल सिंह ईसड़ू के श्रद्धांजलि समामग में आप अपनी सियासी कांफ्रेंस करेगी। सूत्रों के मुताबिक खैरा गुट ने फैसला किया है कि वे ईसड़ू तो जाएंगे, लेकिन पार्टी की सियासी कांफ्रेंस में हिस्सा नहीं लेंगे। बल्कि, वे श्रद्धांजलि समागम में भाग लेंगे।

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