दलित नेता को प्रदेशाध्यक्ष बनाने की तैयारी में AAP, कांग्रेस हुई सतर्क
आम आदमी पार्टी द्वारा उठाए गए कदम के बाद पंजाब कांग्रेस में प्रदेशाध्यक्ष बदलने के लिए काफी समय से चल रही ऊहापोह अब नतीजे पर पहुंचने लगी है। पता चला है कि कांग्रेस द्वारा पंजाब में किसी दलित विधायक को प्रदेशाध्यक्ष पद सौंपा जा सकता है। इस संबंध में जो नाम अब तक सामने आ रहा है, वह राजकुमार वेरका का है। पार्टी आलाकमान काफी समय से सुनील जाखड़ की जगह किसी दलित नेता को नियुक्त करने पर विचार कर रहा था।
दरअसल पार्टी ने यह फार्मूला पंजाब विधानसभा चुनाव से पहले भी अपनाया था और उस समय मौजूदा प्रधान सुनील जाखड़ को हटाकर दलित नेता चरणजीत सिंह चन्नी को सौंपी गई थी। पार्टी को इस फैसले का फायदा यह हुआ कि विधानसभा चुनाव में दलित वोट बैंक का भरपूर समर्थन मिल गया। अब आगामी लोकसभा चुनाव के मद्देनजर आम आदमी पार्टी द्वारा यही कार्ड खेले जाने से कांग्रेस सतर्क हो गई है। पार्टी दलित वोट बैंक पर अपने नियंत्रण में किसी को सेंध का मौका नहीं देना चाहेगी।
हालांकि अकाली दल अपना प्रधान (सुखबीर सिंह बादल) को तो नहीं बदलेगा लेकिन पार्टी ने अपने एससी-एसटी विंग में बड़े पैमाने पर नियुक्तियां करके दलित नेताओं को पार्टी से जोड़ने की कवायद तेज कर दी है। इधर, आम आदमी पार्टी को अपने नए फैसले का लोकसभा चुनाव में कितना लाभ मिलेगा।
इस बारे में कुछ भी कहना जल्दबाजी होगा क्योंकि दिड़बा से विधायक हरपाल सिंह राजनीति में नया चेहरा हैं और सूबे में दलितों के नेता के रूप में फिलहाल उनकी कोई पहचान भी नहीं है। उनके सहारे आम आदमी पार्टी सूबे के दलितों की हितैषी पार्टी होने का संदेश देने का प्रयास कर रही है।