AAP सरकार ने चला यह बड़ा दांव, मेट्रो में महिलाओं के मुफ्त सफर को लेकर

दिल्ली मेट्रो रेल निगम (Delhi Metro Rail Corporation) द्वारा संचालित दिल्ली मेट्रो में महिलाओं के मुफ्त सफर की योजना को लेकर आम आदमी पार्टी (aam aadmi party) सरकार कोई चूक नहीं चाहती है। यही वजह है कि एक अहम फैसले के तहत डीएमआरसी बोर्ड से नौकरशाहों को बाहर कर दिया गया है।

इन नौकरशाहों के स्थान पर आम आदमी पार्टी के नेता और सरकार के सलाहकारों को नियुक्त किया गया है। ऐसा इसलिए लिए, क्योंकि बोर्ड में ऐसे लोग मेट्रो में महिलाओं के लिए फ्री यात्रा को लेकर सरकार का पक्ष दमदार तरीके से रखेंगे।यही वजह है कि किसी चूक से बचने के लिए दिल्ली सरकार (Delhi Govt) ने मेट्रो में महिलाओं के मुफ्त सफर योजना का प्रस्ताव लाने से पहले अपने मनोनीत बोर्ड सदस्यों को बदलने का फैसला लिया था। ये सभी सदस्य मनोनीत हैं।

डीएमआरसी बोर्ड में 4 नए प्रतिनिधि मनोनीत किए

दिल्ली सरकार ने डीएमआरसी बोर्ड में चार नए प्रतिनिधियों को मनोनीत किया है। इसमें निदेशक मंडल में आप नेता राघव चड्ढा, आतिशी, डीडीसी के उपाध्यक्ष जस्मिन शाह और नवीन गुप्ता शामिल हैं। पहली बार गैर-नौकरशाहों को सरकार ने बोर्ड के लिए नामित किया है। बोर्ड में 17 सदस्य हैं, जिनमें केंद्र और दिल्ली सरकार के पांच-पांच सदस्य शामिल हैं। हालांकि डीएमआरसी बोर्ड ने मंगलवार को हुई बैठक में इस पर मंजूरी नहीं दी।

मंत्री ने की बोर्ड सदस्यों को बदलने की पुष्टि

इस प्रस्तावित बदलाव को लेकर दिल्ली सरकार में परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने डीएमआरसी बोर्ड सदस्यों के बदलने की पुष्टि भी की है। मंत्री के मुताबिक, इसमें नई चीजें करने के लिए परिवर्तन बेहद जरूरी है। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, दिल्ली सरकार की ओर से अब नौकरशाहों की जगह डीएमआरसी बोर्ड में आतिशी, राघव चड्ढा, दिल्ली डायलाग कमीशन के उपाध्यक्ष जैस्मीन शाह और नवीन एनडी गुप्ता को जगह दी गई है। नवीन AAP के राज्यसभा सांसद एनडी गुप्ता के बेटे हैं।

गौरतलब है कि DMRC बोर्ड में कुल 17 सदस्य हैं। इनमें 7 डीएमआरसी के ही लोग होते हैं और केंद्र और दिल्ली सरकार के पांच-पांच सदस्य होते हैं। उन्हें मनोनीत करने का अधिकार सरकार के पास होता है।

यहां पर बता दें कि लोकसभा चुनाव-2019 में दिल्ली की सातों सीटों पर शिकस्त खाने वाली आम आदमी पार्टी (aam aadmi party) अभी से दिल्ली विधानसभा चुनाव-2020 की तैयारी में जुट गई है। इस बाबत पिछले दिनों दिल्ली के मतदाताओं खासकर महिलाओं को लुभाने के लिए दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने सभी डीटीसी बसों और मेट्रो ट्रेनों में मुफ्त यात्रा का एलान किया है।

एलान करने के दौरान दिल्ली सीएम ने कहा कि इस बाबत सब्सिटी किसी पर थोपी नहीं जाएगी। कुछ महिलाएं अपनी आर्थिक समस्याओं के चलते मेट्रो ट्रेन में सफर नहीं कर पाती हैं। मुफ्त यात्रा का नियम लागू होने के बाद ऐसी महिलाएं भी मेट्रो व बसों में सफर कर सकेंगी।

अरविंद केजरीवाल ने मेट्रो और बसों में महिलाओं को मुफ्त में यात्रा कराने की योजना की घोषणा के दौरान कहा कि इस योजना को शुरू करने के लिए आने वाले पूरे खर्च को दिल्ली सरकार उठाएगी। उन्होंने कहा कि महंगा हो चुका मेट्रो का किराया महिलाओं को परेशान कर रहा है, मगर किसी पर जोर नही डाला जाएगा। जो महिलाएं टिकट ले सकती हैं वे ले सकेंगी। पूछे जाने पर केजरीवाल ने कहा इस योजना के लिए केंद्र से अनुमति की जरूरत नहीं होगी।

दिल्ली सरकार करेगी भुगतान

यहां पर बता दें कि दिल्ली सरकार में परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन (Delhi Metro Rail Corporation) के वरिष्ठ अधिकारियों से कहा है कि यह योजना हर हाल में हमें लागू ही करनी है। मेट्रो में महिलाओं की मुफ्त यात्रा पर आने वाले खर्च को दिल्ली सरकार उठाएगी। इसके लिए वह डीएमआरसी को भुगतान करेगी।

बता दें कि दिल्ली की बसों व मेट्रो में कुल यात्रियों में 33 फीसद महिलाएं होती हैं। इस हिसाब से जो अनुमान लगाया गया है उसके अनुसार, प्रति वर्ष करीब 200 करोड़ रुपये का खर्च बसों को लेकर सरकार पर आएगा।

मेट्रो के अधिकारियों का कहना है कि बसों की अपेक्षा मेट्रो में महिलाएं अधिक यात्रा करती हैं। यदि योजना लागू होती है तो यह दिल्ली की अपनी तरह की अलग योजना होगी।

यहां पर बता दें कि दिल्ली की सातों सीटों (नई दिल्ली, पूर्वी दिल्ली, पश्चिमी दिल्ली, दक्षिणी दिल्ली, उत्तर पूर्वी दिल्ली, उत्तर पश्चिमी दिल्ली और चांदनी चौक) पर आम आदमी पार्टी के उम्मीदवारों के न केवल हार मिली, बल्कि पार्टी का वोट शेयर भी गिरा है। वहीं, दिल्ली विधानसभा चुनाव होने में एक साल से भी कम का वक्त बचा है, ऐसे में केजरीवाल सरकार दिल्ली की सत्ता में वापसी के प्रयास में अभी से जुट गई है।

बताया जा रहा है कि दिल्ली सरकार की मंशा इस योजना को बसों और मेट्रो में एक साथ लागू करने की है। यह अलग बात है कि डीटीसी व क्लस्टर स्कीम की बसों में इसे लागू करने में सरकार के सामने कोई अड़चन नहीं है, लेकिन मेट्रो में सुरक्षा की दृष्टि से इसे लागू कर थोड़ा जटिल काम है।

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