जम्मू-कश्मीर में आतंकियों के खौफ से 9 SPO ने छोड़ी पुलिस की नौकरी

आतंकियों की धमकी के बाद खौफ से दक्षिणी कश्मीर के पुलवामा जिले के त्राल इलाके के नौ एसपीओ (स्पेशल पुलिस अफसर) ने नौकरी छोड़ दी है। इनके नौकरी छोड़ने का एलान इलाके की दो मस्जिदों से किया गया। डीजीपी डॉ. एसपी वैद ने बताया कि सोशल मीडिया पर नौकरी छोड़ने की बात चल रही है। तथ्यों का पता लगाया जा रहा है। पूरे मामले की छानबीन की जा रही है।  

मस्जिद के मौलवी की ओर से कहा गया कि एसपीओ के नौकरी छोड़ने का पत्र प्राप्त हुआ है। पस्तूना मस्जिद में एसपीओ परवेज अहमद अहंगर, हिलाल अहमद खान, मुजफ्फर अहमद खान, मुदासिर अहमद मीर, इरशाद अहमद राथर व इशरत अली का पत्र मिला है। लारोव मस्जिद के इमाम को इशहाक अहमद भट, गुलजार अहमद वानी व एजाज अहमद मीर के नौकरी छोड़ने का पत्र मिला है। दोनों मस्जिदों के इमामों ने एलान किया कि एसपीओ ने पत्र में माफी मांगी है। साथ ही स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति की बात कहते हुए जनता से भी माफी मांगी है। बताते हैं कि नौ एसपीओ के नौकरी छोड़ने के बाद पुलिस प्रशासन सभी की सुरक्षा की नए सिरे से कवायद कर रही है। 

इसी सप्ताह लगातार दो दिन किए थे हमले
त्राल इलाके में इसी सप्ताह लगातार दो दिन आतंकियों ने एसपीओ को निशाना बनाया था। छह अगस्त को लोरोव गांव में आतंकियों ने घर पर मौजूद एसपीओ इशहाक अहमद भट पर अंधाधुंध गोलियां बरसाईं, लेकिन वह बचकर भाग निकला। अगले दिन सात अगस्त को पस्तुना गांव में एसपीओ आशिक अहमद लोन को आतंकियों ने घर के पास ही गोली मारी। गोली पैर में लगने से वह घायल होकर गिर पड़ा। गत महीने आतंकियों ने त्राल इलाके से एक एसपीओ का अपहरण कर लिया था, लेकिन मां की अपील के बाद उसे छोड़ दिया था। 
आतंकी संगठनों ने नौकरी छोड़ने की दी थी धमकी
आतंकी संगठन हिजबुल मुजाहिदीन ने कुछ दिन पहले सभी एसपीओ को 15 दिन में नौकरी छोड़ने की धमकी दी थी। ऐसी ही धमकी लश्कर की ओर से भी दी गई थी। आतंकी संगठनों के धमकी भरे पोस्टर विभिन्न इलाकों में चस्पा किए गए थे। इसमें एसपीओ को सख्त हिदायत दी गई थी कि यदि उन्होंने 15 दिन में नौकरी नहीं छोड़ी तो गंभीर परिणाम भुगतने होंगे। 
दो महीने में चार जवानों की हत्या
पिछले दो महीने में चार सुरक्षाकर्मियों को आतंकियों ने या तो अपहरण कर या फिर घर में घुसकर हत्या कर दी। सबसे पहले मेंढर पुंछ के सेना के जवान औरंगजेब का आतंकियों ने अपहरण कर हत्या कर दी। फिर जम्मू कश्मीर पुलिस के दो और सीआरपीएफ  के एक जवान की छुट्टी के दौरान आतंकियों ने हत्या कर दी। इसके अलावा 10 ऐसे लोगों को भी निशाना बनाया गया जो एसपीओ थे या किसी और तरीके से सुरक्षाबलों से जुड़े थे। 
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