‘दिल्ली में 74% प्रदूषण का कारण स्थानीय’, LG ने सीएम से कहा- पड़ोसी राज्यों से मांगें मदद

दिल्ली में बढ़ रहे प्रदूषण के लिए 74 फीसदी स्थानीय कारण हैं। इन्हें कोशिश करने से रोका जा सकता है। दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी को पत्र लिखकर पड़ोसी राज्यों से मदद मांगने का सुझाव दिया है। साथ ही अपनी मदद देने की पेशकश भी की है। इस मामले में एलजी ने मुख्यमंत्री को एक पत्र भी लिखा है।

वहीं, एलजी के पत्र पर आप ने भाजपा पर निशाना साधा है। कहा कि भाजपा दिल्ली में प्रदूषण बढ़ाकर राजनीति कर रही है। एलजी ने अपने पत्र में लिखा कि प्रदूषण बढ़ने से अस्पतालों में मरीज बढ़ने लगे हैं। लोगों को घर के अंदर रहने की सलाह दी जा रही है। ऐसे में एक बार फिर से आरोप-प्रत्यारोपों का दौर शुरू हो गया। पिछले दो साल से एलजी के तौर पर कई बार पड़ोसी राज्यों के मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर मदद मांगी। मेरा अपना अनुभव रहा है कि प्रदूषण की इस स्थिति को पूरी तरह से टाला जा सकता है। 

समाधान पूर्ण रूप से हमारे हाथों में हैं। केजरीवाल के साथ हुई कई बैठकों में मुद्दों को उठाया, लेकिन उन्होंने इसे अनसुना कर दिया। उन्होंने कहा कि शहर में करीब 36% वायु प्रदूषण धूल के कारण है। इसके लिए टूटी सड़कें, बिना ढंके फुटपाथ, सेंट्रल वर्ज और क्षतिग्रस्त गलियां सहित अन्य हैं। करीब 25 फीसदी प्रदूषण के लिए वाहनों का उत्सर्जन है। ठोस कचरे के जलने से आठ फीसदी प्रदूषण होता है, जबकि अन्य राज्यों में जैव-अपशिष्ट (पराली) जलाने से 26 फीसदी प्रदूषण होता है। पांच फीसदी चूल्हों, तंदूरों और जनरेटर सहित अन्य कारणों से होता है। ऐसे में 26 फीसदी कारणों पर हमारा नियंत्रण कम है, जबकि 74 फीसदी नियंत्रण में हैं।

आप ने कहा- राजनीति कर रही भाजपा 
आम आदमी पार्टी ने कहा कि दिल्ली एकमात्र ऐसा राज्य है, जहां प्रदूषण के खिलाफ समर एक्शन प्लान, विंटर एक्शन प्लान और लक्षित प्रयासों को लागू किया गया है। नतीजतन, दिल्ली में प्रदूषण में 31 फीसदी से अधिक की गिरावट आई है और इस साल दिल्ली पिछले एक दशक में सबसे साफ हवा में सांस ले रही है। यह उपलब्धि अरविंद केजरीवाल सरकार द्वारा उठाए गए दीर्घकालिक और अल्पकालिक उपायों के कारण है। भाजपा राज्य  उत्तर प्रदेश और हरियाणा प्रदूषण के खिलाफ कोई भी सार्थक कार्रवाई नहीं कर रहे। पिछले 10 सालों में दिल्ली की हवा में काफी सुधार हुआ है, लेकिन भाजपा को वास्तविक बदलाव देखने के लिए पड़ोसी राज्य राजस्थान, हरियाणा और उत्तर प्रदेश में प्रदूषण पर ध्यान देने की जरूरत है।

Back to top button