6 दिन से टोक्यो एयरपोर्ट पर रखा है शव, भारतीय दूतावास नहीं कर रहा मदद, बेटी पूछती है- पापा कब आएंगे

विजय कुमार पाल की फाइल फोटो
कानपुर: छह दिन बाद भी शहर के विजय कुमार पाल का शव टोक्यो एयरपोर्ट से भारत नहीं आ सका है। एक मल्टीनेशनल कंपनी के बुलावे पर जापान गए विजय की तबियत बिगड़ने पर वहां मौत हो गई थी। उनके दो भाई दिल्ली स्थित भारतीय दूतावास के बाहर डेरा डाले हैं लेकिन कोई मदद नहीं मिल रही। अधिकारी कागजी कार्रवाई का हवाला देकर समय लगने की बात कह रहे लेकिन कोई संतुष्ट जवाब नहीं दे रहे हैं। प्रधानमंत्री से लेकर विदेश मंत्री तक को परिवार वाले ट्वीट कर चुके हैं मगर उनकी सुनवाई नहीं हुई। न ही किसी ट्वीट का जवाब दिया गया।

पनकी स्वराज नगर निवासी विजय कुमार पाल (38) आईआईटी रुड़की के छात्र रहे हैं। 13 अक्टूबर को मल्टीनेशनल कंपनी जी के बुलावे पर भारत का प्रतिनिधित्व करने को वह अमेरिका के सेंट फ्रांसिस्को जाने के लिए निकले थे। फ्लाइट में विजय की तबियत बिगड़ गई। इस पर टोक्यो एयरपोर्ट पर विमान की इमरजेंसी लैंडिंग कराई गई। उन्हें एयरपोर्ट के अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। सूचना मिलने के बाद पिता सुखलाल, भाई अमित व अजय और बहनें गीता तथा गरिमा दिल्ली पहुंच गए। भारतीय दूतावास से संपर्क करने पर पता चला कि कागजी कार्रवाई की वजह से शव आने में समय लग रहा है। भाई अजय ने बताया कि कोई संतुष्ट जवाब नहीं मिल रहा है। कब मेरे भाई का शव आएगा, आएगा भी या नहीं। छह दिन तो हो गए हैं। हम अपने भाई का चेहरा भी देख पाएंगे या नहीं।
विजय की शादी 2011 में गिरिजा से हुई थी। दोनों गुरुग्राम में ही रह रहे थे। विजय के चार साल की बेटी सौम्या है। उसे अभी तक नहीं पता कि उसके पिता का निधन हो चुका है। वह मां से एक ही सवाल पूछती है कि पिता कब आएंगे। लेकिन गिरिजा के पास उसके इस सवाल का कोई जवाब नहीं है। विजय की मां रामबेटी बेटे की मौत की खबर सुनने के बाद से होश खो बैठी हैं।

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