6 महीने के सबसे उच्चतम स्तर पर महंगाई दर, प्याज-टमाटर बने बड़ी वजह

अक्टूबर महीने में थोक महंगाई दर अपने छह महीने के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई। प्याज-टमाटर सहित अन्य खाद्य पदार्थों के दाम बढ़ने से महंगाई दर 3.59 फीसदी पर पहुंच गई। इससे पहले सितंबर में थोक महंगाई दर 2.60 फीसदी थी, वहीं पिछले साल अक्टूबर में यह 1.27 फीसदी रही थी। 
6 महीने के सबसे उच्चतम स्तर पर महंगाई दर, प्याज-टमाटर बने बड़ी वजहइससे पहले इस साल अप्रैल में थोक महंगाई दर 3.85 फीसदी रही थी। सबसे ज्यादा बढ़ोतरी सब्जियों के दामों में हुई जो अक्टूबर में 36.61 फीसदी बढ़ गए। इससे पहले सितंबर में यह 15.48 फीसदी था। 

खुदरा महंगाई दर में भी हुआ इजाफा
महंगे खाद्य पदार्थों खासकर सब्जियों की ऊंची कीमतों के कारण अक्तूबर महीने में खुदरा महंगाई दर बढ़कर 3.58 फीसदी रही, जो सात माह का उच्च स्तर है। उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) आधारित महंगाई दर सितंबर महीने में 3.28 फीसदी थी।
 
बीते साल अक्तूबर में खुदरा महंगाई दर 4.2 फीसदी थी। इससे पहले, यह इस साल मार्च माह में 3.89 फीसदी के उच्च स्तर पर थी। केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय (सीएसओ) द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक, अक्तूबर माह में खाद्य पदार्थों की महंगाई दर बढ़कर 1.9 फीसदी रही। सितंबर माह में यह 1.25 फीसदी थी। 

अंडे-दूध भी महंगे

सब्जियों के मूल्यों में वृद्धि दर लगभग दोगुनी बढ़कर 7.47 फीसदी रही, जबकि सितंबर माह में यह 3.92 फीसदी थी। प्रोटीन से प्रचूर खाद्य पदार्थों जैसे अंडे तथा दूध (एवं उसके उत्पाद) भी महंगे रहे। फल हालांकि सितंबर की तुलना में अक्तूबर महीने में सस्ता रहा।

दालों की कीमतों में गिरावट बरकरार रही और अक्तूबर माह में यह 23.13 फीसदी रही। सितंबर माह में यह 22.51 फीसदी थी। महीना दर महीना के आधार पर ईंधन तथा बिजली की कीमतों में बढ़ोतरी दर्ज की गई। आवास क्षेत्र में भी महंगाई में बढ़ोतरी दर्ज की गई।

अब सबकी निगाहें 5-6 दिसंबर को भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के गवर्नर उर्जित पटेल की अध्यक्षता में होने वाली मौद्रिक नीति समिति की छठी द्विमासिक बैठक पर टिकी होंगी।

खुदरा महंगाई में जून के बाद से बढ़ोतरी निरंतर जारी है, जबकि अक्तूबर माह के औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (आईआईपी) में गिरावट दर्ज की गई है। आरबीआई द्वारा नीतिगत दरें तय करने में सीपीआई अहम भूमिका निभाती है। 

 
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