500/2000 के नोट को लेकर सामने आई नई जानकारी, देखें जरुर नही तो बहुत पछताएंगे

नोटबंदी के एक साल पूरे के बाद 500, 2000 और 200 रुपये के नए नोटों को अब एक नई जानकारी सामने आई है, जान लीजिए वरना पछताएंगे आप. दरअसल, आपकी जेब में रखे तीनों प्रकार के नए नोट पल भर में कागज का टुकड़ा बन जाएंगे. एक गलती आपके नोट को अवैध बना सकती है और बैंक उसे स्वीकार ही नहीं करेगा. ये निर्देश आरबीआई की ओर से जारी किए गए हैं.

500/2000 के नोट को लेकर सामने आई नई जानकारी, देखें जरुर नही तो बहुत पछताएंगेनोट पर कुछ लिखा मिला तो बैंक उन्हें स्वीकार नहीं करेगा !

आपकी जानकारीके लिए बता दें कि चंडीगढ़ से एक बैंक अधिकारी ने बताया कि अगर नोट पर कुछ लिखा मिला तो बैंक उन्हें स्वीकार नहीं करेगा. गाइडलाइन के मुताबिक, नोट पर धार्मिक या राजनीतिक नारे या व्यावसायिक प्रयोजन वाले आपत्तिजनक शब्द लिखते हैं तो नोट अवैध माना जाएगा. क्लीन नोट पॉलिसी के तहत आरबीआई ने किसी भी शख्स को नोट पर कुछ भी न लिखने की हिदायत दी है.

नोटबंदी के तुरंत बाद यह गाइडलाइन जारी कर दी गई थी और बैंकों को इसका सख्ती से पालन करने का निर्देश दिया गया था.अधिकारी ने बताया कि गाइडलाइन के मुताबिक, पेन, स्याही या स्कैच से लिखने की अनुमति नहीं है. किसी स्थिति में बैंक ऐसे नोट स्वीकार कर भी ले. लेकिन अगर नोट पर धार्मिक, राजनीतिक स्लोगन, आपत्तिजनक शब्द आदि लिखा हो तो नोट रिफंड नियमावली-2009 के तहत वह नोट अवैध होगा.

स्टेट बैंक ऑफ इंडिया द्वारा स्वच्छ नोट नीति शुरु की !

इतना ही नहीं बैंक स्टेपलर किए नोट भी नहीं लेगा, वहीं अगर कुछ भी लिखना ज्यादा ही जरूरी है तो पेंसिल का इस्तेमाल कर सकते हैं, वो भी कार्बन पेंसिल का. इसके अलावा लोगों से अपील की गई है कि वे नोट को तोड़ें मरोड़ें नहीं. जी हां, अगर किसी वजह से नोट फट जाए तो उसे बैंक में जमा करा सकते हैं. ज्ञात हो कि साल 1999 में स्टेट बैंक ऑफ इंडिया द्वारा स्वच्छ नोट नीति शुरु की गई थी, जिसमें लोगों से अपील करते हुए कहा गया था कि वे नोटों पर कुछ भी न लिखें.

गौरतलब है कि मोदी सरकार ने कालाधन, नकली मुद्रा और टेरर फंडिंग से निपटने के लिए 8 नवंबर को 500 और 1000 के पुराने नोटों पर बैन लगा दिया था. इसके बाद से लोगों ने अपने पुराने नोटों को बैंक में जमा कराना शुरू कर दिया था. 13 दिसंबर को आरबीआई ने अपने एक वक्तव्य में कहा था कि लगभग 12.44 लाख करोड़ के नोट वापस आ चुके हैं. 8 नवंबर के पहले बाजार में कुल 15.44 लाख करोड़ की नकदी मौजूद थी.

 
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