पायलट और कंट्रोलर की ‘गलतफहमी’ की वजह से नेपाल विमान दुर्घटना में हुई 50 लोगों की मौत
नेपाल के त्रिभुवन अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे पर लैंड करते समय दुर्घटनाग्रस्त हुए प्लेन में कम से कम 50 लोगों की मौत हो गई वहीं 21 लोगों को बचा लिया गया है। विमान दुर्घटना की जांच कर रहे अधिकारियों ने बताया है कि इस दुर्घटना की वजह पहली नजर में ‘कन्फ्यूजन’ नजर आ रही है।
विमान की लैंडिग के दौरान पायलट को जो निर्देश दिया गया उसने कुछ मिनट बाद उसे नहीं माना। निर्देश दिए जाने के दौरान विमान लैंड करने के लिए तैयार था और रनवे पर काफी नीचे उड़ रहा था, उसी समय वह जमीन से टकरा गया और उससे धुआं निकलने लगा।
ट्रैफिक मॉनिटरिंग वेबसाइट liveatc.net पर डाली गई रिकॉर्डिंग से पता चला है कि पायलट ने पहले कंट्रोलर से उत्तरी दिशा से विमान को लैंड कराने की परमिशन मांगी जिसे एयर ट्रैफिक कंट्रोलर ने हरी झंडी दे दी। लेकिन कुछ ही मिनट बाद पायलट ने कहा कि वह दक्षिण की तरफ से लैंड करने के लिए तैयार है कंट्रोलर ने फिर हरी झंडी दे दी।
जांच अधिकारियों ने इस पूरी दुर्घटना को ‘गलतफहमी’ बताया है। उन्होंने कहा कि नेपाली पायलट और कंट्रोलर दोनों की बातचीत में गलतफहमी की वजह से यह दुर्घटना हुई है। यूएस बांग्ला फ्लाइट बीएस 211 में मौजूद एक यात्री ने कहा कि दोनों ही काफी कन्फ्यूज थे। दोनों का ही ध्यान कहीं और था।
विमान के उतरने से ठीक पहले पायलट ने एक बार फिर पूछा कि “क्या जमीन तैयार है?” कुछ देर बाद ही कंट्रोलर ने जवाब आया जिसे सुना जाना मुश्किल था। यहां तक की दोनों ही परेशान थे और वह पायलट से कह रहा था कि मैं फिर कह रहा हूं विमान मोड़ो।
उसके कुछ सेकेंड बाद कंट्रोलर की आवाज आई की रन वे पर फायर ट्रक है। काठमांडू एयरपोर्ट के जनरल मैनेजर ने कहा कि पायलट कंट्रोल टावर के द्वारा दिए जा रहे निर्देश पर अमल नहीं कर रहा था और वह गलत दिशा से रनवे पर पहुंचा।