4 साल पहले 1400 KM की दुरी तय करने के लिए चली थी ये ट्रेन, आज 2018 में पहुंची, जानें कहा रह गयी थी

भारतीय रेल (Indian Railway) अपनी लेटलतीफी के लिए दुनियाभर में मशहूर है, लेकिन अब एक ऐसा मामला सामने आया है जिससे Railway कर्मचारी परेशान और लोग हैरान हैं।

यहां एक मालगाड़ी को 1400 किमी की दूरी तय करने में लगभग चार साल लग गए। साल 2014 में चली ट्रेन 2018 में अपने गंतव्य पर पहुंची है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, साल 2014 में विशाखापट्टनम खाद लेकर चली मालगाड़ी अब जाकर बस्ती पहुंची हैं। विशाखापत्तनम से बस्ती तक की दूरी लगभग 1400 किलोमीटर है।

बस्ती स्टेशन पर वैगन के पहुंचते ही अधिकारियों में खलबली मच गई। वैगन में 10 लाख से ऊपर का माल था, लेकिन उनका मालिक कौन था किसी को कुछ नहीं पता।

फौरन संबंधित Officers को इस बारे में सूचित किया गया। वहीं 4 साल तक लापता वैगन में लदा 50 % से अधिक खाद बेकार हो चुका था। इन बेकार पड़े खादों का हर्जाना कौन भरेगा इस बारे में Officer अब तक तय नहीं कर पाए हैं।

जांच-पड़ताल शुरू हुई तो पता चला की इसका कोई मालिक ही नहीं है। पता चला कि यह वैगन साल 2014 में बस्ती के लिए बुक किया गया था। विशाखापट्टनम से खाद एक कारोबारी ने बुक कराई थी।

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वहां से तो तय वक्त पर खाद की खेप निकल गई, लेकिन रास्ते में Missing हो गई। कारोबारी ने कई बारे इस बारे में Railway को जानकारी दी, लेकिन Railway की लापरवाही से इस पर कोई कार्रवाई नहीं की गई। करीब 4 दिन बाद खाद की खेप बस्ती पहुंची।

इस मामले पर रेलवे का कहना है कि ‘जब कोई वैगन या बोगी जर्जर हो जाती है तो उसे यार्ड में भेज दिया जाता है, कुछ ऐसा ही इस ट्रेन के साथ भी हुआ होगा। हालांकि स्पष्ट रूप से कुछ बोलने के लिए अधिकारी भी बच रहे हैं।

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