राजस्थान में अलवर के थानागाजी में सामूहिक दुष्कर्म पीड़िता राजस्थान पुलिस की सिपाही बनकर उदयपुर में तैनात होगी। गृह विभाग ने सोमवार को पीड़िता को पुलिस का सिपाही बनाने से संबंधित आदेश तैयार कर लिए है। अब मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की अनुमति मिलते ही आदेश जारी कर दिए जाएंगे। आदेश जारी होने के बाद वह जयपुर स्थित पुलिस अकादमी में ट्रेनिंग लेगी।

गहलोत के पास गृह विभाग का भी जिम्मा है। दरअसल, सामूहिक दुष्कर्म की शिकार पीड़िता ने सरकारी नौकरी की मांग की थी। उसके बाद उसकी शिक्षा और उसकी इच्छा के अनुरूप सरकार ने पीड़िता को पुलिस में सिपाही बनाने का निर्णय कर लिया है।

पीड़िता ने दी थी आत्महत्या की चेतावनी

जानकारी के अनुसार पीड़िता और उसके परिवार से सलाह लेने के लिए गृह विभाग के निर्देश पर दो वरिष्ठ महिला कॉन्स्टेबल की एक टीम उसके घर गई थी। सरकार की ओर से टीम से यह पूछने को कहा गया था कि पीड़ित महिला से पूछ कर आए कि वह राजस्थान पुलिस में या फिर जेल पुलिस में सिपाही का पद चाहती है। इस पर पीड़िता ने राजस्थान पुलिस में नौकरी के लिए सहमति दी थी। पीड़िता की सहमति के बाद शनिवार को छुट्टी के दिन सरकारी दफ्तर खुले और पूरी कार्रवाई की गई।

सोमवार को इस बारे में अधिकारिक आदेश तैयार कर अनुमति में लिए मुख्यमंत्री के पास फाइल भेज दी गई। पीड़िता को आर्थिक सहायता के भी आदेश जारी कर दिए गए है। उधर पीड़िता ने मीडिया से बातचीत में दो दिन पहले कहा था कि अगर उसे न्याय नहीं मिला तो वह आत्महत्या कर लेगी। इस बीच एफआईआर में पीड़िता ने कहा था कि उसने अपने वायरल वीडियो और फोटो यूट्यूब पर बने एक चैनल में देखे थे।

सरकार ने पहली बार किसी यूट्यूब चैनल वीडियो वायरल करने का मुकदमा दर्ज किया है। उल्लेखनीय है कि थानागाजी में एक 19 वर्षीय दलित महिला के साथ उसके पति के सामने ही 26 अप्रैल को चार युवकों ने सामूहिक दुष्कर्म किया था। यह मामला देशभर में गूंजा था। लोकसभा चुनाव के बीच कांग्रेस सरकार में हुए इस दुष्कर्म से चिंतित कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी खुद थानागाजी आकर पीड़िता से मिलकर गए थे।  

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