37 साल पहले आज ही 1982 में लगी थी वनडे की पहली हैट्रिक, पढ़े पूरी खबर

वनडे इंटरेशनल में अब तक 48 हैट्रिक बन चुकी हैं. पहली हैट्रिक की बात करें, तो इसका रोमांच ही कुछ और रहा. यह जानकर आपको हैरानी होगी कि उस पहली हैट्रिक का जश्न उस पल नहीं मना, बल्कि एक दिन बाद मना. जी हां! 37 साल पहले आज (20 सितंबर) ही 1982 में पाकिस्तान के दाएं हाथ के मध्यम गति के तेज गेंदबाज जलालुद्दीन ने वह हैट्रिक ली थी.

महज एक वनडे का अनुभव रखने वाले कराची के जलालुद्दीन को ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ घरेलू सीरीज में मौका दिया गया था. दरअसल, इमरान खान ने इंग्लैंड दौरे में जांघ की मांसपेशियों में खिंचाव के चलते खुद को आराम दिया था. उनकी गैरमौजूदगी में जहीर अब्बास ने टीम की कप्तानी संभाली थी.

हैदराबाद (सिंध) के नियाज स्टेडियम में ऑस्ट्रेलिया ने टॉस जीतकर पहले गेंदबाजी ली. पाकिस्तान ने 40 ओवरों के उस मैच में कंगारुओं को 230 रनों का लक्ष्य दिया. उसके सलामी बल्लेबाज मोहसिन खान ने 101 गेंदों पर शानदार 104 रन बनाए. जवाब में ऑस्ट्रेलिया ने तेज शुरुआत की.

ऑस्ट्रेलिया ने पहले विकेट के लिए 23 ओवरों में 104 रन जोड़े. इसके बाद तौसीफ अहमद ने तीन विकेट लेकर ऑस्ट्रेलियाई स्कोर को 109/3 कर दिया. हालांकि एलन बॉर्डर ओर जॉन डायसन की जोड़ी ने स्कोर को 157 तक पहुंचाया. जलालुद्दीन ने बॉर्डर को वापस भेजकर उस साझेदारी को तोड़ा.

अब बारी थी उस ऐतिहासिक ओवर की, जब जलालुद्दीन ने 162 के स्कोर पर अपने सातवें ओवर की आखिर तीन गेंदों पर तीन विकेट चटकाए. सबसे पहले उस ओवर की चौथी गेंद पर जलालुद्दीन ने विकेटकीपर बल्लेबाज रोडनी मार्श को बोल्ड कर दिया. अगली गेंद पर ब्रूस यार्डले को वसीम बारी के हाथों विकेट के पीछे कैच कराया. और इसके बाद ज्योफ लॉसन को बोल्ड कर अपनी हैट्रिक पूरी की.

पाकिस्तान का यह नवोदित गेंदबाज इस हैट्रिक से खुश तो हुआ, लेकिन तब उसे नहीं पता था कि उसने वनडे क्रिकेट में पहली बार यह कारनामा कर दिखाया है. जलालुद्दीन ने बाद में स्वीकार किया कि मैच के अगले दिन रिकॉर्ड बुक खंगाले गए, तो इस वर्ल्ड रिकॉर्ड का खुलासा हुआ. जिससे उनकी खुशी दोगुनी हो गई.

ऑस्ट्रेलिया की टीम निर्धारित ओवरों में 170/9 रन ही बना पाई. पाकिस्तान ने 59 रनों से वह मैच जीत लिया. लेकिन ‘मैन ऑफ द मैच’ जलालुद्दीन को नहीं दिया गया. उस मैच में शतक जमाने वाले मोहसिन खान को यह अवॉर्ड मिला. जलालुद्दीन का करियर बड़ा नहीं रहा. वह इसके बाद 7 वनडे और 6 टेस्ट मैच ही खेल पाए.

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