36 दिन बाद मेघालय की खदान से 1 खनिक का शव बरामद, 14 अन्‍य की तलाश जारी

मेघालय के ईस्ट जयंतिया हिल्स जिले में एक अवैध रैटहोल खदान में पिछले साल 13 दिसंबर से फंसे 15 खनिकों को बचाने के क्रम में 36 दिन बाद नौसेना को गुरुवार को बड़ी सफलता हाथ लगी है. नौसेना के बचाव अभियान में एक खनिक का शव बरामद किया गया है. वहीं अन्‍य 14 खनिकों की तलाश में लगातार बचाव अभियान जारी है. बता दें कि इस अवैध खदान में पिछले साल 13 दिसंबर से खनिक फंसे हुए हैं. बता दें कि 15 खनिक 13 दिसंबर को खदान में अचानक पानी भर जाने से फंस गए थे. इन्‍हें बचाने के लिए बचाव अभियान लगातार जारी है.36 दिन बाद मेघालय की खदान से 1 खनिक का शव बरामद, 14 अन्‍य की तलाश जारी

नौसेना के अधिकारियों ने बताया कि शव को ‘रेट होल’ खदान के मुहाने तक लाया गया. बचाव कार्य जारी है. अधिकारियों ने बताया कि खदान के भीतर शव दिखने के बाद नौसेना के गोताखोर इसे इसके मुहाने तक लाए.

वहीं अब तक के बचाव संबंधी प्रयासों के लगातार विफल होने के कारण यह उम्मीद बेहद क्षीण हो चुकी है कि इन खनिकों को सही सलामत बाहर निकाला जा सकेगा. खदानों में अपने काम के लिए महारथ रखने वाले वैज्ञानिकों की एक शीर्ष टीम बचाव अभियान को गति देने के लिए रविवार को ईस्ट जयंतिया हिल्स जिला पहुंची थी. इस बचाव अभियान को देश का सबसे लंबा चलने वाला बचाव अभियान बताया जा रहा है.

बचाव अभियान के प्रवक्ता आर सुस्नगी ने बताया था कि हैदराबाद स्थित राष्ट्रीय भू-भौतिकीय अनुसंधान संस्थान, वैज्ञानिक तथा औद्योगिक अनुसंधान परिषद (एनजीआईआर-सीएसआईआर) और ग्रैविटी एंड मैग्नेटिक ग्रुप के विशेषज्ञों की एक टीम बचाव स्थल पहुंच गई है.

उन्होंने कहा था, इसके अलावा ‘ग्राउंड पेनेट्रेटिंग रेडार’ (जीपीआर) और चेन्नई स्थित ‘रिमोटली ऑपरेटेड व्हीकल’ (आरओवी) की एक टीम भी बचाव मिशन में मदद के लिए पहुंची है. अधिकारी ने कहा कि अब तक 370 फुट गहरी खदान से एक करोड़ लीटर पानी निकाला जा चुका है, लेकिन जलस्तर में बहुत ज्यादा बदलाव नहीं आया है.

उन्होंने कहा कि पास ही में मौजूद अन्य खदानों से भी दो करोड़ लीटर पानी निकाला जा चुका है क्योंकि आशंका थी कि ये खदानें आपस में जुड़ी हुई हैं. हालांकि बचावकर्मी इस बात का पता नहीं लगा पाए हैं कि पानी कैसे और कहां से आ रहा है.

बचाव अभियान में कई सरकारी एजेंसियों के करीब 200 कर्मी लगे हुए हैं, जिसमें नौसेना और राष्ट्रीय आपदा मोचन बल के अलावा कोल इंडिया और किर्लोस्कर ब्रदर्स लि के कर्मी शामिल हैं. बचाव अभियानों की निगरानी कर रहे सुप्रीम कोर्ट ने बचाव एजेसियों को खनिकों को जीवित या मृत बाहर निकालने का निर्देश दिया है.

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