उत्तराखंड में खुला देश का 32वां केंद्रीय प्लास्टिक इंजीनियरिंग संस्थान
ऋषिकेश : उत्तराखंड में देश का 32वां सेंट्रल इंस्टीट्यूट ऑफ प्लास्टिक इंजीनियरिंंग एंड टेक्नोलॉजी (सिपेट) अस्तित्व में आ गया है। केंद्रीय रसायन एवं उर्वरक मंत्री अनंत कुमार ने संस्थान का उद्घाटन करते हुए कहा कि भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आइआइटी) के समकक्ष यह संस्थान प्रदेश के युवाओं के लिए उच्च तकनीकी शिक्षा की दिशा में महत्वपूर्ण कदम साबित होगा। उन्होंने कहा कि इस सत्र में सिपेट के विभिन्न पाठ्यक्रम में 1500 छात्रों को प्रवेश दिया जाएगा। दूसरे वर्ष में यहां सीटों की संख्या बढ़ाकर दो हजार और तीसरे वर्ष में तीन हजार की जाएगी। इनमें 85 फीसद सीटों पर प्रदेश के युवाओं को प्राथमिकता दी जाएगी। इस दौरान उन्होंने एलान किया कि उत्तराखंड में जल्द एक और सिपेट खोला जाएगा।
सितारगंज में प्लास्टिक टेक्नोलॉजी पार्क के लिए 40 करोड़
रसायन एवं उर्वरक मंत्री अनंत कुमार ने उत्तराखंड को एक और सौगात दी। उन्होंने ऊधमसिंहनगर के सितारगंज में प्लास्टिक टेक्नोलॉजी पार्क के लिए 40 करोड़ रुपये देने की घोषणा करते हुए कहा कि इसके लिए राज्य सरकार ने 50 एकड़ भूमि उपलब्ध करा दी है। अब जल्द ही यहां केंद्र सरकार प्लास्टिक पार्क का निर्माण शुरू करेगी। कहा कि यह प्लास्टिक पार्क खास तौर पर मेडिकल से जुड़े उत्पादों के निर्माण में भागीदार बनेगा। इसमें सीरिंज जैसे उपकरण तैयार किये जाएंगे। पार्क के निर्माण से जहां पांच हजार लोगों को प्रत्यक्ष रोजगार मिलेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार भी इस परियोजना को अपने मिशन 20-20 में शामिल किया है।
सिपेट के पास लगेगा प्लास्टिक रिसाइकिलिंग प्लांट
डोईवाला में सिपेट के समीप ही प्लास्टिक रिसाइकिलिंग प्लांट की भी स्थापना की जाएगी। केंद्रीय मंत्री अनंत कुमार ने कहा कि प्लास्टिक आज मानव की जरूरत है, लेकिन यह चुनौती भी बन रहा है। उन्होंने कहा कि पर्यावरण के लिए हानिकारक प्लास्टिक को बंद करने की दिशा में भी सरकार गंभीरता से प्रयास कर रही है।
उत्तराखंड में खुलेंगे 100 नए जन औषधि केंद्र
केंद्रीय मंत्री अनंत कुमार ने अफसरों से पूर्व में स्वीकृत प्रधानमंत्री जन औषधि केंद्रों के संबंध में जानकारी ली। अफसरों ने बताया कि 100 केंद्र स्वीकृत किए गए थे, जबकि अब तक 106 जन औषधि केंद्र खोल दिए गए हैं। इस पर खुशी जताते हुए उन्होंने कहा कि प्रदेश में 100 और केंद्र खोले जाएंगे।