30 सितम्बर को आएगा बाबरी मस्जिद विध्वंस का फैसला

जुबिली न्यूज़ डेस्क
नई दिल्ली. बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले में सीबीआई अदालत 28 साल के बाद 30 सितम्बर को फैसला सुनाने वाली है. इस मामले में पूर्व उप प्रधानमंत्री लाल कृष्ण आडवाणी, पूर्व गृहमंत्री मुरली मनोहर जोशी, पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह और उमा भारती आदि मुख्य आरोपित हैं. आडवाणी और जोशी सीबीआई अदालत में हाल में हुई गवाही में बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले में शामिल होने से मुकर चुके हैं.

सीबीआई ने इस मामले में 49 लोगों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की थी. मुकदमे के दौरान 17 लोगों की मौत हो चुकी है. सीबीआई के विशेष जज सुरेन्द्र कुमार यादव ने दो सितम्बर से इस मुकदमे का फैसला लिखवाना शुरू कर दिया था. 30 सितम्बर को अदालत फैसला सुना देगी.
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अयोध्या में 6 दिसम्बर 92 को अनियंत्रित कारसेवकों ने बाबरी मस्जिद को ढहा दिया था. उस समय उत्तर प्रदेश में कल्याण सिंह की सरकार थी. बाबरी मस्जिद विध्वंस के बाद उसी शाम कल्याण सिंह ने राजभवन जाकर अपना इस्तीफ़ा दे दिया था. केन्द्र सरकार ने उनका इस्तीफ़ा अस्वीकार करते हुए उनकी सरकार को बर्खास्त कर दिया था.

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