डेम घोटाले में 3 हजार पन्नों की चार्जशीट, तटकरे की बढ़ दिख रही हैं मुश्किलें…

मुंबई.रायगढ़ जिले के कोंढाणे बांध निर्माण में अनियमितता के आरोपों की जांच कर रही एसीबी ने सोमवार को ठाणे के स्पेशल कोर्ट में आरोपपत्र दाखिल कर दिया। तीन हजार पन्नों के आरोपपत्र में एफए कंस्ट्रक्शन, एफए इंटरप्राइजेज और पीडब्ल्यूडी के तत्कालीन अधिकारियों समेत सात लोगों को आरोपी बनाया गया है। इसमें तत्कालीन जलसंसाधन मंत्री व राकांपा विधायक सुनील तटकरे का नाम नहीं है। एसीबी ने मामले में विधायक तटकरे के खिलाफ जांच की इजाजत मांगी है। इससे आने वाले समय में तटकरे की मुश्किलें बढ़ सकती हैं।डेम घोटाले में 3 हजार पन्नों की चार्जशीट, तटकरे की बढ़ दिख रही हैं मुश्किलें...
मामले में जिन सात लोगों को आरोपी बनाया गया है उनमें एफए कंस्ट्रक्शन के निसार खत्री, तत्कालीन कार्यकारी संचालक देवेंद्र शिर्के, तत्कालीन मुख्य अभियंता बीबी पाटील, पीबी सोनावणे, तत्कालीन अधीक्षक अभियंता आरडी शिंदे, तत्कालीन कार्यकारी अभियंता एपी सालुंखे और तत्कालीन कार्यकारी अभियंता राजेश रिठे के नाम शामिल हैं। एसीबी का कहना है कि सीआरपीसी की धारा 173(8) के तहत अभी मामले की जांच चल रही है। मामले में 3 सितंबर 2016 को ठाणे के कोपरी पुलिस थाने में एफआईआर दर्ज की गई थी।

कंपनी विशेष को फायदा पहुंचाने नियमों को कर दिया था दरकिनार

रायगढ़ जिले में कोंढाणे बांध बनाया गया था। तटकरे के जलसंसाधन मंत्री रहते इस परियोजना को मंजूरी मिली थी। इसकी मूल कीमत 80 करोड़ रुपए थी जो भ्रष्टाचार के चलते बढ़कर 327 करोड़ रुपए तक पहुंच गई। हैरानी की बात ये है कि लागत बढ़ने के संदर्भ में संबंधित विभाग से इजाजत तक नहीं ली गई। कंपनी विशेष को फायदा पहुंचाने के लिए ठेके से जुड़े नियमों को दरकिनार कर दिया गया। वर्ष 2014 में सत्तारूढ़ होने के बाद फडणवीस सरकार ने चार अधिकारियों को निलंबित किया था।
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