MLAs बंधक हैं: हाईकोर्ट ने तमिलनाडु सरकार और पुलिस से रिपोर्ट मांगी

शशिकला गुट द्वारा AIADMK विधायकों को रिजॉर्ट में बंधक बनाए जाने के आरोपों पर मद्रास हाईकोर्ट ने तमिलनाडु सरकार और पुलिस से रिपोर्ट मांगी है। कोर्ट ने शुक्रवार को उस पिटीशन पर सुनवाई की, जिसमें विधायकों को बंधक बनाए जाने की जानकारी देने के साथ यह भी कहा गया है कि 20 MLAs ने अन्न-जल लेने से इनकार कर दिया है। कोर्ट ने कहा, “अगर यह सच है तो ये गंभीर चिंता की बात है।” बता दें कि AIADMK के 134 विधायकों में से 130 बुधवार यानी 2 दिन से ‘लापता’ बताए जा रहे थे। इनमें से एक विधायक ई. मदुसुधानन रिजॉर्ट से भागकर पन्नीरसेल्वम के पास पहुंच गए। बताया जा रहा है कि 134 में से 5 विधायक पन्नीरसेल्वम के साथ मिल गए हैं। बहरहाल, दोनों गुटों ने गवर्नर के पास सरकार बनाने का दावा पेश किया है। विधायक ने शशिकला के जनरल सेक्रटरी बनने से जुड़े प्रपोजल को चुनौती दी… 
MLAs बंधक हैं: हाईकोर्ट ने तमिलनाडु सरकार और पुलिस से रिपोर्ट मांगी
– न्यूज एजेंसी के मुताबिक, तमिलनाडु सरकार ने मद्रास हाईकोर्ट में यह माना कि उसकी तरफ से गुरुवार को दिया बयान गलत था।
– सरकार ने 9 फरवरी को हाईकोर्ट में कहा था कि 130 विधायक शशिकला के सपोर्ट में हैं और उन्हें बंधक नहीं बनाया गया है। वे चेन्नई के सरकारी MLA हॉस्टल में रुके हुए हैं।
– जस्टिस सीटी सेल्वम और जस्टिस टी मथिवनन की बेंच ने सरकार के गलत बयान और कई विधायकों के अन्न-जल नहीं लेने के बयान को भी रिकॉर्ड करने का आदेश दिया।
– बेंच ने बंदी प्रत्यक्षीकरण ( habeas corpus) याचिका पर कहा, “हम सिर्फ वकील के कहने पर कार्रवाई का आदेश नहीं दे सकते, मामले को देखते हुए सरकार को जवाब के लिए एक मौका देना सही होगा।”
– मामले की अगली सुनवाई अब 13 फरवरी को होगी।
 
रिजॉर्ट की तलाशी का आदेश
– बंधक विधायकों की फैमिलीज के कोर्ट से गुहार लगाने के बाद अब डीजीपी ने डिप्टी सुपरिटेंडेंट को गोल्डन बीच रिजॉर्ट की तलाशी का आदेश दिया है।
– उधर, गवर्नर विद्यासागर राव ने शुक्रवार को राज्य के चीफ सेक्रेटरी और डीजीपी समेत टॉप सरकारी-पुलिस ऑफिशियल्स से मुलाकात कर हालात की जानकारी ली।
 
पन्नीरसेल्वम के गुट में शामिल विधायक को AIADMK से निकाला
– रिजॉर्ट से भागकर पन्नीरसेल्वम के गुट में शामिल होने वाले विधायक ई. मदुसुधानन को शशिकला ने AIADMK की प्राइमरी मेंबरशिप और प्रेसीडियम चेयरमैन की पोस्ट से हटा दिया है।
– मदुसुधानन को AIADMK के सीनियर नेताओं में गिना जाता था। शशिकला को डर है कि और भी विधायक पाला बदल सकते हैं।
– मदुसुधानन ने चुनाव आयोग को चिट्ठी लिखकर दरख्वास्त की है कि शशिकला के जनरल सेक्रेटरी बनाने से जुड़े प्रपोजल को खारिज किया जाए।
– पार्टी से निकाले जाने पर मदुसुधानन ने कहा, “वे मुझे पार्टी से नहीं निकाल सकती, क्योंकि मैंने उन्हें पहले ही पार्टी से निकाल दिया है।”
 
एक और सीनियर नेता ने किया पन्नीरसेल्वम का सपोर्ट
– AIADMK के एक और सीनियर नेता ई. पुन्नूस्वामी भी पन्नीरसेल्वम के गुट में शामिल हो गए हैं।
– पुन्नूस्वामी ने कहा, “जयललिता ने पन्नीरसेल्वम को ही अपना वारिस माना था।” उन्होंने बाकी विधायकों से भी पन्नीरसेल्वम के साथ आने की अपील की।
 
सुप्रीम कोर्ट ने शपथ से जुड़ी पिटीशन पर सुनवाई से इनकार किया
– सुप्रीम कोर्ट ने शशिकला को सीएम के तौर पर शपथ दिलाए जाने के खिलाफ निर्देश देने की अपील करने वाली पिटीशन पर शुक्रवार को तत्काल सुनवाई करने से इनकार कर दिया।
– पिटीशनर ने दलील दी थी कि शशिकला को सीएम के तौर पर शपथ नहीं दिलाई जानी चाहिए, क्योंकि आय से अधिक संपत्ति के मामले में उन्हें और अन्य नेताओं को बरी किए जाने के कर्नाटक हाईकोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में दी गई चुनौती पर फैसला आना अभी बाकी है।

दोनों गुटों ने पेश किया है सरकार बनाने का दावा
– AIADMK चीफ वीके शशिकला और पूर्व सीएम ओ पन्नीरसेल्वम अब आमने-सामने हैं।
– दोनों गुट ने गुरुवार की रात गवर्नर सी विद्यासागर से मिलकर अपनी सरकार बनाने का दावा पेश किया।
– शशिकला ने पार्टी के 134 विधायकों में से 130 को रिजॉर्ट में भेज दिया है। यह वाकया 29 साल बाद दोहराया गया है।
– पार्टी के फाउंडर एमजी रामचंद्रन के निधन के बाद 1988 में उनकी पत्नी जानकी और जयललिता के बीच ऐसी फाइट देखने को मिली थी। तब भी विधायकों को अपने पाले में रखने के लिए उन्हें किसी से मिलने नहीं दिया गया था।

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