28 जुलार्इ से प्रारंभ हो रहा है सावन जानिए शिव के प्रिय बेलपत्र से जुड़े कुछ विशेष तथ्य

सावन, शिव आैर बेलपत्र 

28 तारीख से सावन का महीना शुरू हो रहा है। ये माह शिव जी की पूजा के लिए समर्पित होता है। इस महीने में भगवान शिव का पूजन करने से वे अत्यंत प्रसन्न होते हैं आैर यदि पूजा में बेलपत्र का प्रयोग किया जाए तो शंकर जी आैर भी प्रसन्न हो जाते हैं। सावन में शिवलिंग पर बेलपत्र चढ़ाने का खास महत्व है। मान्यता है कि ब‍ेलपत्र से उपासना करने पर भोलेनाथ जल्‍दी प्रसन्‍न होते हैं और भक्‍तों की मन्‍नत पूरी करते हैं।28 जुलार्इ से प्रारंभ हो रहा है सावन जानिए शिव के प्रिय बेलपत्र से जुड़े कुछ विशेष तथ्य

ह‍िंदू शास्‍त्रों में भी मान्‍यता है क‍ि भगवान श‍िव को बेलपत्र बहुत पसंद हैं। ज‍िससे श‍िव पूजन में इसे शाम‍िल करना अन‍िवार्य माना जाता है। इससे भगवान श‍िव बहुत जल्‍दी पसंद होते हैं आैर भक्‍तों को मनचाहा वरदान देते हैं। 

बेलपत्र से जुड़े हैं ये तीन तथ्य 

1- मान्‍यता है कि‍ बेलपत्र चढ़ाने से शि‍व जी का मस्‍तक शीतल रहता है। यदि बेलपत्र में तीन पत्‍त‍ियां हों तो वो सर्वोत्तम माना जाता है। इसके अलावा पत्‍त‍ियां खराब नही होनी चाहिए। बेलपत्र चढ़ाते समय जल की धारा साथ में अर्पि‍त करने से इसका प्रभाव कर्इ गुना बढ़ जाता है। 

2- सोमवार, अष्टमी, चतुर्दशी, अमावस्या, पूर्णिमा और सं‍क्रांति को बेलपत्र नहीं तोड़ना चाहिए। सावन माह में इन दिनों की पूजा के लिए इन्हें पहले तोड़कर रख लें। बेलपत्र कभी भी खरीदकर लाया गया हो श‍िव जी पर चढ़ाया जा सकता है। इतना ही नहीं एक बेलपत्र को कई बार धोकर भी चढ़ा सकते हैं। 

3- कहते हैं जि‍न घरों बेलवृक्ष लगा होता हैं वहां श‍िव कृपा बरसती है। बेलवृक्ष को घर के उत्तर-पश्चिम में लगाने से यश कीर्ति की प्राप्‍त‍ि होती है। वहीं उत्तर-दक्षिण में लगे होने पर भी सुख-शांति और मध्‍य में लगे होने से घर में धन और खुश‍ियां आती हैं।

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