25 दिन से टापू बना गांव, फंसने से प्रेग्नेंट की लेडी की मौत और बुजुर्ग की पड़ी रही लाश

पाली.जिला मुख्यालय से मात्र 38 किलोमीटर दूर बांता गांव में 15 दिन बाद भी बारिश से हालात संभल नहीं पाए हैं। 7 दिन पूर्व ही एक शव को नदी पार करवाने के लिए करीब 15 घंटे तक परिवार के लोगों को इंतजार करना पड़ा। पूरे उफान पर बह रहे पानी के कारण एंबुलेंस तक गांव से जोजावर या मारवाड़ जंक्शन तक नहीं जा पा रही है। इसकी वजह से एक प्रसूता भी एंबुलेंस में ही दम तोड़ चुकी है।
25 दिन से टापू बना गांव, फंसने से प्रेग्नेंट की लेडी की मौत और बुजुर्ग की पड़ी रही लाश
 
हैरान करने वाला तथ्य यह है कि पूरा गांव जलप्लावन की स्थिति में डूबा हुअा है, मगर उसकी खैर-खबर तक लेेने के लिए कोई जनप्रतिनिधि तक नहीं पहुंचा है। ग्रामीण ही एक-दूसरे का हाथ थामे मदद कर रहे हैं। जिले में कुछ दिनों पूर्व हुई बारिश की वजह से बांता से जोजावर-मारवाड़ जंक्शन की ओर जाने वाला पुल क्षतिग्रस्त हो गया था। इसके बाद से ही पूरा गांव चारों तरफ से पानी से घिरा हुआ है। जब भास्कर टीम गांव पहुंची तो गांव की ओर जाने वाला रास्ता बंद था, ट्रैक्टर के माध्यम से जैसे-तैसे कर टीम वहां पहुंची, जहां गांव पूरी तरह से टापू बना हुआ था। चारो तरफ गांव के बाहर पानी ही पानी नजर आ रहा है। जोजावर और मारवाड़ जंक्शन तक आने के लिए भी ग्रामीणों को ट्रैक्टर या फिर जेसीबी के माध्यम से नदी को पार करना पड़ता है।

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15 घंटे तक नदी किनारे शव को लेकर खड़े रहे परिजन
– बारिश के दौरान ही गांव के हाफीज खां की मौत हो गई थी। पुल क्षतिग्रस्त होने और नदी का बहाव तेज होने की वजह से 15 घंटे तक शव को लेकर परिजन नदी किनारे खड़े रहे। इसकी जानकारी जब एलएंडटी कंपनी के अधिकारियों को मिली तो इंजीनियर्स ने अस्थाई पुल बना व्यवस्था कराई।
प्रसव के दौरान नदी में फंसी एंबुलेंस, तोड़ा दम
– इसी बीच गांव की भंवरी देवी को प्रसव पीड़ा शुरू हो गई। इस पर उसे स्थानीय पीएचसी में ले जाया गया, जहां हालात गंभीर देखते हुए पाली रैफर करने को कहा। लेकिन जब एंबुलेंस नदी पार कर उसे पाली ला रही थी तो वहीं पर एंबुलेंस फंस गई। करीब 1 घंटे की मशक्कत के बाद भी एंबुलेंस नहीं निकली और प्रसूता ने दम तोड़ दिया।
बसें तक नहीं पहुंच रही, एक-दूसरे के सहारे व्यवस्था
– ग्रामीणों ने बताया कि बारिश की वजह से यातायात भी पूरी तरह से प्रभावित हो रखा है। पिछले 20 दिनों से गांव में बसें तक नहीं आ पा रही है। ऐसे में एक-दूसरे के भरोसे या अन्य वाहनों के माध्यम से रास्ता पार कर शहर की ओर जा रहे हैं।
मरीजों को चारपाई से एंबुलेंस और वहां से अस्पताल
– गंभीर मरीज जिन्हें रैफर किया जा रहा है इसके लिए ग्रामीण चारपाई की मदद ले रहे। मरीज को चारपाई पर लेटा नदी पार करवाई जा रही है और एंबुलेंस के माध्यम से अस्पताल पहुंचाया जा रहा है। ताकि समय पर इलाज मिल सके।
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