25 साल की महिला ने नॉर्मल डिलीवरी से 7 बच्चों को दिया जन्म, फिर पिता ने कही ये बात

पूर्वी इराक के दीयाली से एक बेहद ही हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है। यहां एक 25 वर्षीय महिला ने एक साथ 7 बच्चों को जन्म दिया है। हालांकि, महिला की पहचान को उजागर नहीं किया गया है। डेली मेल के मुताबिक, महिला ने एक अस्पताल में सभी बच्चों को जन्म दिया है। जन्म के बाद मां और उसके सभी बच्चे बिल्कुल स्वस्थ हैं।25 साल की महिला ने नॉर्मल डिलीवरी से 7 बच्चों को दिया जन्म, फिर पिता ने कही ये बात

स्थानीय स्वास्थ्य प्रवक्ता ने बताया है कि यह इस देश में पहला ऐसा मामला है, जब नॉर्मल डिलीवरी से 6 लड़कियां और 1 लड़के का जन्म हुआ है। बच्चे और मां दोनों स्वस्थ हैं। इस मामले को मध्य-पूर्वी देशों का ऐसा पहला मामला बताया जा रहा है कि जिसमें किसी महिला ने एक साथ 7 बच्चों को जन्म दिया है।

दुनिया का पहला ऐसा मामला 1997 में अमेरिका के लोआ में देखा गया था, जहां महिला ने सिजेरियन के बाद 7 बच्चों को जन्म दिया था। इस मामले में केनी और बॉबी एक बार में ही 7 बच्चों के माता-पिता बने थे। इस मामले की खबर मिलने पर तत्कालीन राष्ट्रपति बिल क्लिंटन ने उस परिवार से व्यक्तिगत रूप से मिलकर बधाई दी थी। क्लिंटन ने इस दंपती को घर और आर्थिक मदद देने के साथ उनके सभी बच्चों को स्कॉलरशिप भी दी थी।

बता दें कि इराक के इस ताजा मामले से पहले इससे मिलता-जुलता एक मामला लेबनान में 2013 में सामने आया था। जिसमें एक महिला ने 6 बच्चों को एक साथ जन्म दिया था, जिसमें 3 बेटे और 3 बेटियां शामिल थीं। लेबनान के जॉर्ज यूनिवर्सिटी हॉस्पिटल में एक महिला ने 3 लड़के और 3 लड़कियों को जन्म दिया था। इन बच्चों को सेक्सट्यूपलेट्स कहते हैं।

इराक के इस ताजा केस में महिला के पति और सात बच्चों के पिता बने यूसुफ फदल कहते हैं कि उन्होंने और उनकी पत्नी ने इतने परिवार के बारे में कल्पना भी नहीं की थी। फदल ने कहा कि अब उनके ऊपर कुल 10 लोगों की जिम्मेदारियां आ गई हैं। बच्चों की देखभाल करने के लिए परिवार में 10 लोग हैं, अब हम और बच्चे नहीं चाहते। पति-पत्नी पर सिलेक्टिव रिडक्शन (भ्रूण की संख्या कम करना) के आरोप भी लगे थे, लेकिन दोनों ने इसे खारिज किया है।

प्रेग्नेंसी के दौरान जब गर्भ में एक से ज्यादा भ्रूण विकसित हो रहे होते हैं तो भ्रूण की संख्या कम की जाती है। इसे मल्टीफीटल रिडक्शन भी कहते हैं। यह दो दिन की प्रक्रिया होती है। पहले दिन यह तय किया जाता है कि किस भ्रूण हो हटाया जाना है। दूसरे दिन अल्ट्रासाउंड की मदद से चुने हुए भ्रूण के हृदय में पोटेशियम क्लोराइड का घोल इंजेक्ट किया जाता है। गर्भ में कई भ्रूण होने पर मां को प्रेग्नेंसी के खतरों से बचाने के लिए ऐसा किया जाता है।

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