12 महीने में 12 सौ एनकाउंटर: यूपी की ‘गोलीमार पुलिस’, सवालों के घेरे में आयें एनकाउंटर
योगी सरकार के 12 महीने और योगी की पुलिस के करीब 12 सौ एनकाउंटर. यानी हर महीने 100 और हर दिन 3 से 4 एनकाउंटर. ना जाने ऐसा कौन सा आपातकाल यूपी में आ गया है, जिससे निपटने के लिए योगी जी के खाकी वर्दी वाले गोलीमार पुलिस बन बैठे हैं. ना गिरफ्तारी की कोशिश हो रही है, ना अदालत में लाने की ज़हमत. फैसला ऑन द स्पॉट किया जा रहा है. हालांकि ऐसा भी नहीं है कि एनकाउंटर की झड़ी लगने से यूपी के क्राइम ग्राफ में कोई बहुत भारी कमी आ गई हो. ऐसे में एनकाउंटर पर सरकारी मुहर ने पुलिस के साथ-साथ सरकार को भी सवालों के घेरे में ला दिया है.
पिछले साल अक्टूबर के महीने की 8 तारीख को अंडरट्रायल कैदी और सात सालों से जेल में बंद फुरकान अचानक शामली में अपने घर आ गया. घरवाले हैरान थे क्योंकि उनके पास इतने पैसे नहीं थे कि वो उसकी ज़मानत दे सकें. मगर वो घर आ गया. और ठीक 15 दिन बाद ख़बर आई कि पुलिस एनकाउंटर में फुरकान मारा गया.
पुलिस का फर्जीवाड़ा?
हालांकि पुलिस का दावा था कि फुरकान सहारनपुर, शामली और मुज़फ्फ़रनगर में कई डकैतियों में शामिल था.. तो फिर घरवाले ये सवाल पूछ रहे हैं कि अगर फुरकान सात साल से जेल में था तो फिर वो इन डकैतियों में शामिल कैसे हो सकता है? और पुलिसवाले खुद से उसकी रिहाई के लिए बातचीत करने के लिए क्यों आए थे. जब वो उसका एनकाउंटर ही करना चाहते थे?
क्या फुरकान को बलि का बकरा बनाया गया. ये सवाल इसलिए भी क्योंकि ऐसे इल्ज़ाम सिर्फ फुरकान के घरवाले नहीं लगा रहे हैं बल्कि ऐसे आरोप लगाने वालों की अच्छी खासी फेहरिस्त है..
आजमगढ़ः पुलिस ने 26 जनवरी 2018 को मुकेश राजभर को मुठभेड़ में मार गिराया. भाई का आरोप कानपुर से मुकेश को उठाया गया, अगले दिन एनकाउंटर की खबर मिली.
बाग़पतः पुलिस ने 30 अक्टूबर 2017 को सुमित गुर्जर को मुठभेड़ में मार गिराया. पिता का आरोप है कि पुलिस ने उठाया और पीटने के बाद उसका एनकाउंटर किया.
आजमगढ़: पुलिस ने 14 सितंबर 2017 को राम जी पासी को मुठभेड़ में मार गिराया. बड़े भाई का आरोप है कि पुलिस कई दिनों से उसे एनकाउंटर की धमकी दे रही थी.