24 डिग्री पर चलाते हैं AC तो हो सकता है डेंगू, ऐसे हुआ खुलासा

जो लोग घर में एसी का तापमान (Temperature) 24-28 डिग्री सेल्सियस के बीच रखते हैं उनके यहां डेंगू मच्‍छर के होने का खतरा सबसे ज्‍यादा बढ़ जाता है. मौसम विज्ञानियों की मानें तो यह तापमान मच्‍छरों के प्रजनन (Breeding) में सबसे ज्‍यादा सहायक होता है. उनका कहना है कि वेक्टर जनित रोगों अर्थात मलेरिया, डेंगू, काला-ज़ार, जापानी इन्सेफलाइटिस और चिकुनगुनिया से संबंधित मच्‍छर बाहर प्रजनन करते हैं जबकि डेंगू से संबंधित मच्‍छर का प्रजनन डिब्‍बों में होता है. अगर डिब्‍बे का तापमान 24-28 डिग्री सेल्सियस के बीच है तो तब डेंगू के एडीज मच्‍छर का प्रजनन आसानी से होता है. डीएसटी-आईसीएमआर सेंटर ऑफ एक्‍सीलेंस फॉर क्‍लाइमेट चेंज में सीनियर कंसल्‍टेंट डॉ. रमेश सी. धीमान ने बताया कि यह तापमान एडीज मच्‍छरों के न सिर्फ प्रजनन बल्कि उनके सर्वाइवल के लिए भी उपयुक्‍त है.24 डिग्री पर चलाते हैं AC तो हो सकता है डेंगू, ऐसे हुआ खुलासा

इंसेफलाइटिस भी डेंगू जितनी जानलेवा बीमारी
डॉ: धीमान ने बताया कि घर के अंदर और बाहर का तापमान डेंगू और मलेरिया के मच्‍छरों के प्रजनन के विश्‍लेषण के लिए सबसे उपयुक्‍त है. मलेरिया, डेंगू, इन्सेफलाइटिस सहित कई बीमारियां हैं जो मच्छरों के काटने से होती हैं. विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक हर साल मच्छरों के काटने से होने वाले रोगों से तकरीबन 10 लाख लोगों की जान चली जाती है. 

वैज्ञानिकों ने बनाई आयुर्वेदिक दवाई
वैज्ञानिकों ने डेंगू की आयुर्वेदिक दवाई विकसित की है. इनका दावा है कि डेंगू के इलाज की यह अपने तरह की पहली दवाई है. अगले साल से यह दवाई बाजार में मरीजों के लिए उपलब्ध हो जाएगी. आयुष मंत्रालय के तहत आने वाली स्वायत्त इकाई केंद्रीय आयुर्वेदीय विज्ञान अनुसंधान परिषद (सीसीआरएएस) और कर्नाटक के बेलगांव के क्षेत्रीय अनुसंधान केंद्र आईसीएमआर ने पायलट अध्ययन कर लिया है, जिसने इसकी चिकित्सीय सुरक्षा और प्रभाव को साबित किया है. यह दवाई सात ऐसी जड़ी-बूटियों से बनाई गई है, जिसका इस्तेमाल आयुर्वेद में सदियों से होता आ रहा है.

 
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