23 जून को शुभ योग में करें इस 1 मंत्र का जाप, कम हो सकता है साढ़ेसाती और ढय्या का असर
इस बार 23 जून, शनिवार को गायत्री जयंती है। शनिवार को गायत्री जयंती होने से जिन लोगों पर शनि की साढ़ेसाती या ढय्या का प्रभाव है, उनके लिए बहुत शुभ है। धर्म ग्रंथों में गायत्री मंत्र को सबसे प्रभावशाली मंत्र माना गया है। कुछ विद्वानों ने शनि गायत्री मंत्र की भी रचना की है। जिन लोगों पर शनि का अशुभ असर हो, उन्हें इस दिन (23 जून) पूरे विधि-विधान से शनि गायत्री मंत्र का जाप करना चाहिए। इससे शनिदेव प्रसन्न होते हैं।
ऐसे करें शनि गायत्री मंत्र का जाप…
– शनिवार की सुबह स्नान आदि करने के बाद शनिदेव की प्रतिमा या तस्वीर काले कपड़े पर स्थापित करें।
– इसके बाद शनिदेव के सामने सरसों के तेल का दीपक जलाएं जो पूजा के अंत तक जलता रहे।
– शनिदेव को काले तिल, काली उड़द, चावल के साथ खासतौर पर नीले लाजवंती के फूल अर्पित करें।
– इस विधि से शनिदेव की पूजा करने के बाद रुद्राक्ष की माला से शनि गायत्री मंत्र का जाप करें।
मंत्र- ऊं भगभवाय विद्महे, मृत्युरूपाय धीमहि, तन्नो सौरी: प्रचोदयात।।
– कम से कम 5 माला जाप करें। इसके बाद शनिदेवी की आरती करें और कष्टों को दूर करने के लिए प्रार्थना करें।
ये हो सकते हैं फायदे
- जिन लोगों पर इस समय शनि की साढ़ेसाती या ढय्या का प्रभाव है, वे इस विधि से शनिदेव की पूजा कर शनि गायत्री मंत्र का जाप करें तो उनको थोड़ी राहत मिल सकती है।
- जिन लोगों की जन्म कुंडली में शनि अशुभ है, वे भी इस दिन शनि गायत्री मंत्र का जाप कर शुभ फल प्राप्त कर सकते हैं