2235 विकेट लेने वाले मुथैया मुरलीधरन की नेटवर्थ जान रह जाएंगे दंग

जिस तरह बल्लेबाजी के लिए सचिन तेंदुलकर का नाम सबसे ऊपर आता है, उसी तरह गेंदबाज के रूप में श्रीलंकाई टीम के पूर्व स्पिनर मुथैया मुरलीधरन का नाम सबसे ऊपर आता है। मुथैया मुरलीधरन ने गेंदबाजी में तमाम रिकॉर्ड बनाए हैं। आज वह अपना 52वां जन्मदिन मना रहे हैं। वह फिलहाल आईपीएल में सनराइजर्स हैदराबाद के गेंदबाजी कोच और मेंटर हैं।
जैसे सचिन तेंदुलकर के नाम सबसे ज्यादा अंतरराष्ट्रीय रन दर्ज हैं। उसी तरह मुथैया मुरलीधरन के नाम गेंदबाजी में सबसे ज्यादा विकेट लेने का विश्व रिकॉर्ड है। मुथैया मुरलीधरन ने टेस्ट और वनडे इंटरनेशनल क्रिकेट में सबसे ज्यादा विकेट लेने का वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया है। मुरलीधरन ने कुल 1347 (800 टेस्ट, 534 वनडे, 13 टी20) विकेट चटकाए हैं।
कुल लिए हैं 2235 विकेट
मुथैया मुरलीधरन ने करियर में कुल 849 (232 फर्स्ट क्लास, 453 लिस्ट ए और 164 टी20) क्रिकेट मैच में हिस्सा लिया। मुथैया मुरलीधरन ने 849 मैच में कुल 2235 (1374 फर्स्ट क्लास, 682 लिस्ट ए और 179 टी20) विकेट अपने नाम किए। आइए जानते हैं इस दिग्गज स्पिनर के नेट वर्थ के बारे में।
17 अप्रैल 1972 को श्रीलंका के केंडी शहर में जन्मे ऑफ स्पिनर मुथैया मुरलीधरन के पूर्वज भारत के तमिलनाडु राज्य से थे, लेकिन बाद में वे श्रीलंका में बस गए थे। यहां तक कि मुरलीधरन की पत्नी मधिमलार राममूर्ति भी तमिलनाडु की ही रहने वाली हैं। साल 2005 में मुरलीधरन ने शादी की थी।
मुथैया मुरलीधरन की कुल संपत्ति
मुथैया मुरलीधरन की कुल संपत्ति 2025 तक लगभग 9 मिलियन डॉलर होने का अनुमान है। उन्होंने यह बड़ी राशि अपने आईपीएल अनुबंधों, निजी उद्यमों और बीसीसीआई वेतन के माध्यम से प्राप्त की। साथ ही श्रीलंका क्रिकेट बोर्ड द्वारा दिए जाने वाला मानदेय भी शामिल है।
इसके अलावा मुथैया मुरलीधरन ने लाफार्ज, इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन, रॉयल स्टैग, केएफसी और पीटर इंग्लैंड सहित कई व्यवसायों के साथ विज्ञापन सौदों के माध्यम से भी पैसे कमाए हैं। साथ ही कई इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) अनुबंधों से भी उन्हें पैसा मिला है। एक खिलाड़ी के रूप में मुरलीधरन ने (2008-2014) लगभग साढ़े 15 करोड़ रुपये कमाएं हैं।
मुथैया मुरलीधरन को दो बार विजडन लीडिंग क्रिकेटर इन द वर्ल्ड का खिताब दिया गया। आईसीसी क्रिकेट हॉल ऑफ फेम में शामिल किया गया तथा उनकी उपलब्धियों के लिए श्रीलंकाई संसद द्वारा सम्मानित किया गया।