2016 में साक्षी चमकाएगी धोनी की रूठी किस्मत! जानें कैसे होगा ये कमाल

1dhoni-555301e342169_l (1)5 फरवरी 2016 को पाकिस्तान के खिलाफ टीम इंडिया टी-20 विश्वकप में अपने सफर का शानदार आगाज करना चाहेगी। लेकिन उससे पहले ही टीम इंडिया का ‘गोल्डन लक’ बैकफुट पर है।

धोनी ने मुश्किल से मुश्किल समय में अपने जज्बे और संयम को दर्शाया लेकिन अब अचानक धोनी की चमक फीकी पड़ गई है। 

अब उनका हर फैसला धोखा दे रहा है और उनके साथ ही टीम इंडिया हर मोर्चे पर फेल हो रही है। जिसकी वजह से धोनी को आलोचनाओं का सामना करना पड़ रहा है। 

मिल सकती है खुशखबरी और बदलेगा लक

खबर है कि कप्तान धोनी जल्द ही पापा बनने वाले हैं। साक्षी धोनी फरवरी माह में विश्वकप के दौरान अपने पहले बच्चे को जन्म दे सकती हैं। जिसकी वजह से टीम इंडिया और कप्तान धोनी की रूठी किस्मत फिर से लौटकर आ सकती है।

 
हेलिकॉप्टर शॉट गायबएक जमाना हुआ करता था जब धोनी के बिना टीम की कल्पना भी करना बेकार था पर लंबे समय से धोनी अपनी ख्याति के अनुरूप प्रदर्शन नहीं कर सके हैं। आखिरी ओवरों का इस्तेमाल कैसे किया जाता है यह शायद विश्व क्रिकेट में धोनी से अच्छा कोई नहीं जानता।याद हैं वह

254 वनडे मैच खेल चुके धोनी ने न जाने कितने मैच में भारत को जीत दिलाई होगी लेकिन अब धोनी ने आखिरी बार किसी मैच में फिनिशर की भूमिका कब निभाई थी यह अब किसी को शायद ही याद हो।

एक ऐसा शॉट जो धोनी के नाम से जाना जाता है और विश्व क्रिकेट में उस शॉट को उनसे अलावा कोई नहीं खेल सकता पर धोनी का वह हेलिकॉप्टर शॉट भी लंबे समय से नहीं देखने को मिला है।

हर दांव फेल

पहले कभी भी दोनी कोई भी प्रयोग करते तो वह जरुर सफल होता था पर अब उनका हर दांव फेल हो रहा है।

ताजा मामला दक्षिण अफ्रीका के साथ टी-20 का है जब अफ्रीका को जीतने के लिए अन्तिम अोवर में दस रन चाहिए थे तो धोनी ने नए गेंदबाज श्रीनाथ अरविंद को गेंद थमा दी और भारत हार गया। धोनी के इस कदम की खूब आलोचना हुई। आलचना करने वाले ये भूल गए की 2007 टी-20 विश्वकप के फाइनल में जोगिंदर शर्मा को आखिरी ओवर सौंपने का साहसिक फैसला कर धोनी ने भारत को विश्व कप दिलवाया था।

दूसरा मामला ऑस्ट्रेलिया में ट्राई सीरीज के दौरान जब धोनी ने विराट कोहली को नंबर चार पर बल्लेबाजी के लिए भेजा तो वह फेल हुए और क्रिकेट के दिग्गज खिलाड़ियों ने तो यहां तक कह दिया कि धोनी नए नए प्रयोग कर युवा खिलाड़ी विराट के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं।

उम्र का असर

धोनी 34 साल के हो चुके हैं और उनकी इस बढ़ती उम्र के कारण उनका खेल प्रभावित हो रहा है। एक खास बात यह भी है कि जब से धोनी पर स्पॉट फिक्सिंग का आरोप लगा है तब से उनक बल्ले की दमक  गायब है। वहीं दुनिया को पता है कि अगर भारत को विश्व कप जीतना है तो धोनी को अपने पुराने रंग में लौटना ही होगा।

कारनामे

-आपको याद होगा 2011 विश्वकप के फाइनल मैच में धोनी का विजयी छक्का

-2007 टी-20 विश्वकप के फाइनल में जोगिंदर शर्मा को आखिरी ओवर सौंपने का साहसिक फैसला

-दुनिया के अकेले ऐसे कप्तान जिसने विश्व कप, टी-20 विश्वकप और चैम्पियन ट्रॉफी को जीता है।

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